पटना हाइकोर्ट ने सहारा प्रमुख सुब्रत राय को पकड़ कर लाने को कहा, तीन घंटे बाद सुप्रीम कोर्ट ने लगायी रोक

पटना हाईकोर्ट ने सहारा प्रमुख सुब्रत राय को 16 मई को पकड़ कर कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया. वहीं इस बीच सहारा प्रमुख को बड़ी राहत तब मिल गयी जब सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाइकोर्ट के आदेश पर तीन घंटे के अंदर अंतरिम रोक लगा दी.

By Prabhat Khabar | May 13, 2022 7:17 PM

सहारा प्रमुख सुब्रत राय को सुप्रीम कोर्ट से शुक्रवार को बड़ी राहत मिल गयी. शीर्ष अदालत ने उन्हें 16 मई को पकड़ कर कोर्ट में पेश करने संबंधी पटना हाइकोर्ट के आदेश पर तीन घंटे के अंदर अंतरिम रोक लगा दी. सहारा प्रमुख को शुक्रवार को पटना हाइकोर्ट ने सशरीर उपस्थित होने का आदेश दिया था.

हाईकोर्ट ने हर हाल में पकड़ने का दिया आदेश, सुप्रीम कोर्ट की रोक

सुब्रत राय जब कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए, तो हाइकोर्ट ने शुक्रवार को करीब 10:30 बजे बिहार के डीजीपी को हर हाल में 16 मई को सुब्रत रॉय को पकड़ कर कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया. कोर्ट ने इसके लिए यूपी अैर नयी दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को भी बिहार के डीजीपी को मदद करने का आदेश दिया. लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने सहारा प्रमुख की मंगलवार को दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना हाइकोर्ट में पेश होने पर अंतरिम रोक लगा दी. इस मामले की सुनवाई अब सुप्रीम कोर्ट में 19 मई को होगी.

पटना हाइकोर्ट का फैसला

पटना हाइकोर्ट की न्यायाधीश संदीप कुमार की एकलपीठ ने सहारा इंडिया के विभिन्न स्कीमों में उपभोक्ताओं द्वारा जमा किये गये पैसे के भुगतान को लेकर दायर की गयी दो हजार से ज्यादा हस्तक्षेप याचिकाओं पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया. इससे पहले कोर्ट ने 27 अप्रैल और 12 अप्रैल को सुनवाई करते हुए सहारा प्रमुख सुब्रतो रॉय को 12 मई को हाइकोर्ट में उपस्थित होकर यह बताने का निर्देश दिया था कि सहारा के विभिन्न कंपनियों में बिहार के निवेशकों के जमा पैसों का भुगतान कैसे और कब तक किया जायेगा.

Also Read: तेज प्रताप से भरण पोषण के नाम पर मिल रहे रुपये पत्नी ऐश्वर्या के लिए पर्याप्त नहीं, अदालत में लगायी गुहार
सुब्रतो रॉय की ओर से  दायर याचिका

सुब्रतो रॉय की ओर से अपने स्वास्थ्य और सुरक्षा की समस्या को लेकर को हाइकोर्ट में तीन याचिकाएं दायर की गयीं, जिन्हें कोर्ट ने मानने से इन्कार कर दिया. सुब्रतो रॉय को हाइकोर्ट में पेश होने को लेकर हाइकोर्ट के इर्द-गिर्द बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था. इसके बावजूद सुब्रत रॉय कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए.

कोर्ट ने कहा, कोई भी कानून से ऊपर नहीं

कोर्ट ने कहा कि सुब्रत राय ने अपनी स्वास्थ्य औऱ सुरक्षा का हवाला देकर कोर्ट में उपस्थिति से छूट देने का जो आवेदन दिया है, वह स्वीकार करने योग्य नहीं है. लेकिन श्री रॉय का कोर्ट में अदालती आदेश के बाद भी उपस्थित नहीं होना यह प्रमाणित करता है कि कोर्ट के आदेश का उनके मन मे सम्मान नहीं है. एकलपीठ ने कहा कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है. अदालती आदेश का पालन हर व्यक्ति को करना चाहिए. सहारा की ओर से लगातार वकील बदले जा रहे है, ताकि सुब्रत रॉय को कुछ राहत मिल सके, लेकिन उन्हें अब तक राहत नहीं मिली है. इसके पहले हाइकोर्ट प्रशासन द्वारा जिला प्रशासन को उन्हें सुरक्षा प्रदान करने के लिए सूचित किया जा चुका है.

सुरक्षा की रही चाक-चौबंद व्यवस्था

शुक्रवार के साथ ही पूर्व में गुरुवार और इसके पहले सोमवार को भी उनके हाईकोर्ट में उपस्थित होने को लेकर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद थी. इसके बावजूद श्री रॉय कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए और तरह-तरह के बहाने बनाये गये. इसके पहले की सुनवाई में कोर्ट ने सहारा के वकील से यह जानकारी मांगी थी कि वह कोर्ट को यह बताएं कि बिहार के निवेशकों का पूरा पैसा उन्हें कब तक और किस तरह मिलेगा. कोर्ट के निर्देश के बाद भी सहारा की ओर से कोई भी जानकारी स्पष्ट रूप में नहीं दी गयी, तब नाराज होकर कोर्ट ने यह निर्देश दिया.

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

Next Article

Exit mobile version