PATNA DM : पटना में त्योहारों पर प्रशासन सख्त, छुट्टियां रद्द, नावों पर रोक और लाउडस्पीकर पर नियंत्रण
PATNA DM : त्योहारों की रौनक के बीच पटना प्रशासन ने सुरक्षा और अनुशासन को प्राथमिकता दी है. इस बार दुर्गापूजा और दशहरा के उत्सव में सिर्फ रंग, रोशनी और भीड़ नहीं दिखेगी, बल्कि प्रशासनिक सख्ती भी हर जगह महसूस होगी.
PATNA DM : देशभर में इन दिनों त्योहारों का माहौल है और बिहार की राजधानी पटना भी दुर्गापूजा और विजयादशमी की तैयारियों में डूबी हुई है. लेकिन भीड़ और सुरक्षा को देखते हुए प्रशासन ने इस बार बेहद कड़े कदम उठाए हैं.
पटना जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने आदेश जारी कर 26 सितंबर से 5 अक्टूबर तक अधिकारियों की सभी छुट्टियां रद्द कर दी हैं. इतना ही नहीं, गंगा में नावों के परिचालन पर रोक और लाउडस्पीकर बजाने के समय पर भी प्रतिबंध लगाया गया है. प्रशासन का साफ कहना है कि नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
छुट्टियां रद्द, अधिकारी मैदान में
त्योहारों में लाखों लोगों की भीड़ उमड़ती है. ऐसे में प्रशासनिक और सुरक्षा व्यवस्था मजबूत रखने के लिए डीएम ने बड़ा कदम उठाया है. आदेश के मुताबिक जिला, अनुमंडल और प्रखंड स्तर पर कार्यरत सभी अधिकारियों को इस अवधि में छुट्टी नहीं मिलेगी. केवल विशेष परिस्थिति में ही अवकाश के लिए आवेदन दिया जा सकता है, वह भी तब जब डीएम कार्यालय से मंजूरी मिले.
सामान्य परिस्थितियों में अवकाश बिल्कुल मंजूर नहीं होगा. इसका मकसद यह है कि त्योहारों के दौरान हर स्तर पर प्रशासनिक तंत्र सक्रिय रहे और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके.
गंगा में नावों पर रोक, विसर्जन तालाब में होगा
विजयादशमी के दिन गंगा नदी में भारी भीड़ उमड़ती है. मूर्ति विसर्जन के दौरान सुरक्षा की चुनौती सबसे बड़ी होती है. इस बार प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि 2 अक्टूबर को गंगा में निजी नावों का परिचालन पूरी तरह बंद रहेगा. इसके साथ ही मूर्तियों का विसर्जन गंगा नदी में करने की अनुमति नहीं होगी.
जिला प्रशासन ने गंगा किनारे अस्थायी तालाब बनाए हैं, जिनका उपयोग करना अनिवार्य होगा. प्रशासन का कहना है कि यह कदम गंगा को प्रदूषण से बचाने और भीड़ के नियंत्रण के लिए ज़रूरी है. आदेश उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
लाउडस्पीकर पर नियंत्रण, ध्वनि प्रदूषण पर लगाम
दशहरा और दीपावली जैसे त्योहारों में शोर-शराबा और लाउडस्पीकर का इस्तेमाल आम बात है. लेकिन इस बार प्रशासन ने इस पर भी सख्ती दिखाई है. पटना डीएम ने साफ कर दिया है कि रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक कहीं भी लाउडस्पीकर नहीं बजाया जाएगा.
पूजा समितियों और आयोजकों को इस नियम का पालन करना होगा. अगर कोई व्यक्ति या संस्था नियम तोड़ती है, तो उस पर प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी. प्रशासन का मानना है कि यह कदम ध्वनि प्रदूषण रोकने और आम नागरिकों की सुविधा के लिए जरूरी है.
पुलिस और सीसीटीवी से निगरानी
भीड़भाड़ वाले इलाकों, पूजा पंडालों और विसर्जन स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए प्रशासन ने पुलिस बल की संख्या बढ़ाने का फैसला किया है. अतिरिक्त दंडाधिकारी और पुलिस अधिकारी तैनात किए जाएंगे.
इसके साथ ही सीसीटीवी कैमरों के जरिए हर गतिविधि पर निगरानी रखी जाएगी. प्रशासन का कहना है कि इन उपायों से किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सकेगा और लोग सुरक्षित माहौल में त्योहार का आनंद उठा पाएंगे.
त्योहार की उमंग और प्रशासन की सख्ती
पटना जिला प्रशासन इस बार त्योहारों को लेकर पूरी तरह सतर्क है. अधिकारियों की छुट्टियां रद्द करने से लेकर नावों पर रोक और लाउडस्पीकर पर नियंत्रण तक, हर स्तर पर नियम सख्त कर दिए गए हैं. प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे सहयोग करें और शांति, सौहार्द और अनुशासन के साथ त्योहार मनाएं.
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