पटना में भाड़ा गाड़ी को बुक कर अपराधी लूट व हत्या को दे रहे अंजाम, पुलिस के लिए चुनौती बना क्राइम का नया ट्रेंड

पटना शहर में क्राइम व लूट का एक अलग ट्रेंड विकसित हो गया है. अब अपराधी सवारी बन भाड़े की गाड़ी को बुक करते हैं. इसके बाद अपने अन्य सदस्यों को विभिन्न जगहों से कार में बैठा लेते हैं. फिर किसी सुनसान रास्ते पर लूट व हत्या जैसी घटनाओं को अंजाम देते हैं. मालूम हो कि 20 जून को एयरपोर्ट से एक अपराधी ने सवारी बन वाहन को बुक किया और फिर 24 जून को गाड़ी वाले की लाश अररिया के एक गांव में पानी भरे गड्ढे में मिली. ऐसी कई घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं.

By Prabhat Khabar | June 27, 2021 11:38 AM

पटना शहर में क्राइम व लूट का एक अलग ट्रेंड विकसित हो गया है. अब अपराधी सवारी बन भाड़े की गाड़ी को बुक करते हैं. इसके बाद अपने अन्य सदस्यों को विभिन्न जगहों से कार में बैठा लेते हैं. फिर किसी सुनसान रास्ते पर लूट व हत्या जैसी घटनाओं को अंजाम देते हैं. मालूम हो कि 20 जून को एयरपोर्ट से एक अपराधी ने सवारी बन वाहन को बुक किया और फिर 24 जून को गाड़ी वाले की लाश अररिया के एक गांव में पानी भरे गड्ढे में मिली. ऐसी कई घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं.

एयरपोर्ट, गांधी मैदान, राजेंद्र नगर, पटना जंक्शन से चलती है भाड़े की गाड़ी

गांधी मैदान से भाड़े की स्कॉर्पियो गाड़ी के चालक बब्बन कुमार ने बताया कि जहानाबाद और अरवल के लिए सवारी उठाते हैं. इसके अलावा उनकी अन्य कई जिलों में गाड़ियां चलती हैं. उन्होंने बताया कि हमलोगों की सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि आखिर कोई चालक कैसे किसी सवारी को पहचानेगा कि वह अपराधी है. कई चालकों के साथ लूट की घटना हो चुकी है. किसी का मोबाइल छीन लिया गया, तो किसी का पैसा छीन कर भाग जाते हैं. एक बार गाजीपुर जाने के दौरान एक चालक की गाड़ी लूट ली गयी थी, जो गाजीपुर के गांव में मिली थी. अनुमानत: पटना शहर में चार से पांच सौ भाड़े की गाड़ियां चलती हैं.

ज्यादातर सवारी गाड़ी में नहीं है जीपीएस

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार ज्यादातर सवारी गाड़ियों में जीपीएस नहीं लगा है. इससे यह पता करना मुश्किल होता है कि आखिर गाड़ी का लोकेशन कहां है. इसलिए सबसे पहले तो सवारी गाड़ी में जीपीएस लगाना अनिवार्य करना होगा. इसके साथ ही जहां-जहां से गाड़ी खुलती है वहां एक काउंटर बना सवारी का पूरा डिटेल लेना होगा, जिससे छानबीन में सहूलियत हो.

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ये मामले हो चुके हैं

केस 1 : 22 जुलाई 2020 को पटना जंक्शन से कार बुक कर खगड़िया के लिए रवाना हुए. बीच रास्ते में सुनसान जगह देखकर कार रुकवायी. फिर साथी को बुलवाकर ड्राइवर के हाथ-पैर बांधकर सड़क पर फेंक गाड़ी लेकर फरार हो गये. अगले दिन सुबह एक साइकिल सवार आदमी ने बेहोश ड्राइवर को देखा.

केस 2 :

17 अगस्त 2020 को बख्तियारपुर-पटना फोरलेन पर एक अपराधी कार चालक को पिस्टल के बल पर रोक उसकी कार पर सवार हो गया. फिर आगे जाकर उसकी कार को लूट कर फरार हो गये. घटना के तीन दिन बाद कार लावारिस हालत में फतुहा में मिली. ड्राइवर का मोबाइल, एटीएम, पैसा व अन्य सामान भी लूट कर ले भागे थे.

केस 3 :

20 जून 2021 को एयरपोर्ट से एक कार चालक को पूर्णिया चलने के लिए बुक किया. इसके बाद रास्ते में अपने एक साथी को बैठाया. जब कार चालक एक दिन बाद भी घर नहीं पहुंचा, तो परिजनों ने एयरपोर्ट थाने में गुमशुदगी का आवेदन दिया. लेकिन ठीक दो दिन बाद उसकी लाश अररिया के एक गांव में गड्ढे में मिली.

Posted By: Thakur Shaktilochan

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