Chhath Ghat: दीघा से दीदारगंज तक घाट तैयार; जान लें कहां होगी Parking व ठहरने की व्यवस्था, यहां जाना प्रतिबंधित
Chhath Ghat Patna: राजधानी के गंगा घाट भी लगभग पूरी तरह तैयार हैं. दीघा से दीदारगंज तक के सभी प्रमुख घाटों पर जिला प्रशासन ने तैयारियां लगभग पूरी कर ली हैं. इसमें एप्रोच रोड का निर्माण, छठ व्रतियों के लिए चेंजिंग रूम, यात्री शेड और नियंत्रण कक्ष स्थापित करना शामिल है.
Chhath Ghat Patna: लोक आस्था के महापर्व छठ की शुरुआत आज नहायखाय के साथ हो रही है. राजधानी के गंगा घाट भी लगभग पूरी तरह तैयार हैं. दीघा से दीदारगंज तक के सभी प्रमुख घाटों पर जिला प्रशासन ने तैयारियां लगभग पूरी कर ली हैं. इसमें एप्रोच रोड का निर्माण, छठ व्रतियों के लिए चेंजिंग रूम, यात्री शेड और नियंत्रण कक्ष स्थापित करना शामिल है. अधिकांश घाटों पर बैरिकेडिंग कर ली गई है और पक्के घाटों से दलदल हटाकर बालू बिछाया गया है. साथ ही, बांस की चाली भी बिछाया जा रहा है.
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सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए जिले में 355 अस्थायी चेंजिंग रूम, 14 यात्री शेड, 119 नियंत्रण कक्ष और 154 वॉच टावर तैयार किए गए हैं. छठ महापर्व गंगा नदी और सहायक नदियों के लगभग 550 घाटों पर मनाया जाता है, जिसमें नगर निगम क्षेत्र के 102 घाट, 45 पार्क और 63 तालाब भी शामिल हैं. हालांकि, जिला प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर कंटाही घाट, राजापुर पुल घाट, पहलवान घाट, बांस घाट, बुद्धा घाट और नया पंचमुखी चौराहा घाट सहित छह घाटों को खतरनाक घोषित किया है. वहीं, टीएन बनर्जी घाट, मिश्री घाट, जजेज घाट, अदालत घाट और गुलबी घाट को अनुपयुक्त श्रेणी में रखा गया है. जिला प्रशासन लोगों से सुरक्षित और सुविधाजनक माहौल में अर्घ देने के लिए घोषित खतरनाक और अनुपयुक्त घाटों से दूर रहने की अपील कर रहा है, जबकि अन्य सार्वजनिक स्थानों पर भीड़-प्रबंधन की तैयारी तेजी से चल रही है.
दीघा इलाके के घाट बेहतर व पहुंचपथ भी नजदीक
दीघा इलाके के छठ घाटों (chhath ghat) शुक्रवार की शाम तैयार कर लिया गया है. शाम में लाइटिंग व साज-सज्जा का भी काम पूरे कर लिए गये. घाट के तट पर बालू के बोरे भी बिछाये गये हैं. शिवा घाट, दीघा पाटीपुल घाट, मीनार घाट बनकर तैयार हैं.नहायखाय पर आज डूबकी लगा सकते हैं. यहां एक यात्री शेड का भी निर्माण किया गया है. मुख्य मार्ग से 50 से 150 मीटर के बीच ये घाट हैं. स्थानीय लोग अंडरपास से भी आ सकते हैं. पाटली पथ के उपर दोनों फ्लैक, रामजीचकआरओबी के उपर में अपना वाहन पार्क करेंगे. इन घाटों पर वाहनों का प्रवेश व निकास जेपी सेतु के एप्रोच पथ से रूपसपुर नहर रोड से होगा. इसी प्रकार अशोक राजपथ से अटल पथ नीचे एवं दीघा पोस्ट ऑफिस रोड से आने वाले छठव्रती के वाहन सूर्य मंदीर चौहट्टा से पश्चिम खाली जगह में पाटीपुल अंडरपास तक रेलवे ब्रिज के नीचे खाली जगह में पार्क करायी जायेगी.
छठ व्रतियों के ठहरने के लिए तैयार किए गये हैं तीन यात्री शेड
पार्किंग के मामले में दीघा इलाके में सबसे बड़ी पार्किंग जेपी सेतु पूर्वी घाट के पास तैयार किया गया है. जेपी सेतु के नीचे पिलर नंबर एक व दो के बीच पूर्व दो हजार वाहन को पार्क कर सकेंगे. इसके अलावे घाट नंबर 93 के लिए गंगा पथ के दक्षिण एवं रास्ते के पूरब चिमनी के नजदीक 1200 क्षमता के साथ, घाट नंबर 88 के लिए उत्तर-दक्षिण रास्ते से पश्चिम खाली जगह में 300 वाहन क्षमता के साथ और घाट नंबर 83 के लिए गंगा पथ के उत्तर रास्ते से पश्चिम खाली जगह में 500 वाहन क्षमता के साथ तैयार किए गये हैं. सभी घाटों के पार्किंग को मिलाकर करीब 4000 वाहन खड़े हो सकेंगे. यहां तीन यात्री शेड का भी निर्माण किया गया है. इसमें छठ व्रती ठहर सकेंगे. यहां लाइटिंग की भी अच्छी व्यवस्था है. साथ ही, घाट पर भी दलदल कम है. दलदल वाले इलाके में बालू भरेे जा रहे हैं.
कलेक्ट्रेट एवं महेंद्रु घाट के लिए 32 सौ वाहन क्षमता की दो वाहन पार्किंग तैयार
बड़ी संख्या में कलेक्ट्रेट एवं महेंद्रु घाट पर पहुंचते हैं. छठ व्रतियों के ठहरने के लिए यहां एक बड़ा यात्री शेड का निर्माण किया गया है. दोनों (chhath ghat) घाट की लंबाई भी सबसे अधिक हैं. मिट्टी का कटाव कम है. लेकिन, दोनों घाटों तक पहुंचने का एप्रोच रोड 700 मीटर से अधिक लंबी है. करीब 30 से 40 मीटर तक रास्ता तैयार नहीं हुआ है. शुक्रवार को भी यहां से पानी सुखाया जा रहा था. पानी की तरह निगम पैसे बहा रही है. रास्ते में दलदल न हो इसके लिए बालू व मिट्टी भरे जा रहे हैं. दोनों घाट पर 35 अस्थायी चेंजिंग रूम बनाया गया है. इस घाट पर जाने वाले वाहन गांधी मैदान के अन्दर से जा सकेंगे.
पटना कॉलेज मैदान में तीन घाट के लिए बना रहेगा पार्किंग
कॉलेज के पीछे काली घाट, कदम घाट व पटना कॉलेज घाट पर पक्के घाटों को तैयार किया गया है. मिट्टी सीढ़ियों पर काफी जमने से शुक्रवार को भी काटा जा रहा था. आज पूरी तरह से इसे तैयार कर लिया जायेगा. तीनों घाटों के लिए तीन सौ वाहन क्षमता के साथ पटना कॉलेज मैदान में पार्किंग तैयार किया गया है. अशोक राजपथ मुख्य मार्ग से करीब 300 मीटर है. पटना कॉलेज घाट के ऊपर यहां बड़े आकार के यात्री शेड तैयार किया गया है. सभी घाटों कोे मिलाकर 17 चेंजिंग रूम की व्यवस्था रहेगी. बारी पथ से अशोक राजपथ में जाने वाले छठव्रतियों के वाहन केवल खजांची रोड से अशोक राजपथ में जायेंगे एवं वाहन को पटना कॉलेज मैदान में पार्क कर वहां से पैदल घाट तक जायेंगे.
खतरनाक व अनुपयुक्त Chhath Ghat की सूची
खतरनाक घाट: कंटाही घाट, राजापुर पुल घाट, पहलवान घाट, बांस घाट, बुद्धा घाट एवं नया पंचमुखी चौराहा घाट.
अनुपयुक्त घाटों की सूची: टीएन बनर्जी घाट, मिश्री घाट, जजेज घाट, अदालत घाट, अदरक घाट, गुलबी घाट व बुंदेलटोली घाट.
नौ-नौ NDRF व SDRF की टीम रहेगी तैनात
जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन एसएम द्वारा वरीय पदाधिकारियों के साथ छठ घाटों का निरीक्षण किया. बैरिकेडिंग, नियंत्रण कक्ष, वॉच टावर, चेंजिंग रूम, यात्री शेड इत्यादि के निर्माण सहित घाटों की तैयारी में प्रगति का जायजा लेते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि मापदंडों के अनुरूप तेजी से कार्य किया जा रहा है. यह अंतिम चरण में है. वहीं, आपदा प्रबंधन की मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार किसी भी तरह की आपदा की आकस्मिकता से निपटने हेतु एनडीआरएफ की नौ टीम (277 सदस्य), एसडीआरएफ की नौ टीम (36 सदस्य), 444 गोताखोर, 323 नाव/नाविक तथा सिविल डिफेंस के 149 वोलंटियर्स तैनात रहेंगे. रिवर पेट्रोलिंग भी किया जाएगा. गंगा में नावों का परिचालन प्रतिबंधित है. अवैध परिचालन के विरूद्ध सख्त दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.
टैंकर से घर-घर पहुंचेगा पवित्र गंगाजल
नगर निगम की ओर से श्रद्धालुओं की सुविधा हे घर-घर गंगाजल पहुंचाने की व्यवस्था शुरू की गई है. प्रमंडलीय आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर व अन्य वरीय अधिकारियों ने टैंकरों का फ्लैग ऑफ किया. ये टैंकर गंगा नदी से शुद्ध जल लेकर छह अंचल के वार्डों और गली-मोहल्लों तक पहुंचाएंगे, ताकि श्रद्धालु अपने घरों में ही गंगाजल प्राप्त कर सकें और श्रद्धापूर्वक छठ व्रत कर सकें. हर अंचल के लिए दो-दो टैंकर समर्पित किए गए हैं. निगमकर्मियों की देखरेख गंगाजल वितरण का कार्य किया जाएगा. वहीं, जिन छोटे तालाबों या कृत्रिम जलाशयों में श्रद्धालु अर्घ्य देंगे, उनमें भी गंगाजल डाला जाएगा.
विसर्जन सामग्री के लिए घाटों पर स्थापित हुए स्वच्छता कलश
गंगा घाट पर पटना नगर निगम द्वारा स्वच्छता कलश स्थापित किया गया. इसमें श्रद्धालु पूजा के बाद निकलने वाले फूल, माला, दीप एवं अन्य विसर्जन सामग्री डाल सकेंगे. गंगा नदी के किनारे स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए यह कदम पर्यावरण संरक्षण की दिशा में उठाया गया है. हर दिन स्वच्छता कलश को निगम की टीम द्वारा खाली कर साफ किया जाएगा.
नगर आयुक्त यशपाल मीणा ने कहा कि छठ महापर्व आस्था पवित्रता और स्वच्छता का संगम है. श्रद्धालुओं को सुविधाजनक एवं स्वच्छ वातावरण प्रदान करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं. कलश को कलेक्ट्रेट घाट, गांधी घाट, कंगन घाट, भद्र घाट व घाट नंबर 93 पर लगाए गये हैं.
ये रहेगी Chhath Ghat पर व्यवस्था
अस्थायी शौचालयों की संख्या : 552
अस्थायी यूरिनल की संख्या : 450
नलों की संख्या : 185
पानी का टैंकर: 50
चापाकलों की संख्या : 37
सबमर्सिबल मोटर एवं पीवीसी, नल इत्यादि के साथ : 20
अस्थायी चेंजिंग रूम की संख्या : 400
यात्री शेड की संख्या : 13
नियंत्रण कक्ष की संख्या : 112
सहायक नियंत्रण कक्ष की संख्या : 13
वाच टावर की संख्या : 171
नियंत्रण कक्ष की संख्या : 112
सहायक नियंत्रण कक्ष की संख्या : 13
वाच टावर की संख्या : 171
