हीरा और श्रीराम वेरायटी से 60 से 65 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपजेगा धान

बिहार में अब उन्नत किस्म की धान की वेरायटी तैयार कर ली गयी है. इससे पूर्व से उपलब्ध धान की नस्लों से दस क्विंटल प्रति हेक्टेयर अधिक उपज होगी.

By RAKESH RANJAN | April 10, 2025 1:25 AM

– दोनों किस्मों को तैयार होने में 140 से 145 दिनों का लगेगा समय- हाल में उपलब्ध अधिकांश नस्लों से 10 क्विंटल प्रति हेक्टेयर अधिक उपज का दावा संवाददाता, पटना बिहार में अब उन्नत किस्म की धान की वेरायटी तैयार कर ली गयी है. इससे पूर्व से उपलब्ध धान की नस्लों से दस क्विंटल प्रति हेक्टेयर अधिक उपज होगी. सबौर हीरा और सबौर श्रीराम नाम दिया गया है. सबौर कृषि विवि के वैज्ञानिकों ने इसका इजाद किया है. इन दोनों नस्लों से धान की खेती करने पर 60 से 65 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज होगी. सिर्फ दो वर्ष 2021 और 2022 को छोड़ दें तो बीते 10 वर्षों में 60 से 65 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज देने वाली धान की नस्ल नहीं थी. वर्ष 2021 में सीआर 319 से 80 क्विंटल प्रति हेक्टेयर और वर्ष 2024 में डीआरआर धान से 59 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज का आंकड़ा दर्ज किया गया था. हीरा और श्रीराम से खेती में लगेगा अधिक समय हीरा और श्रीराम धान से उत्पादन में वृद्धि तो हो रही है, लेकिन इसमें समय अधिक लग रहा है. इन दोनों नस्लों से खेती में दूसरी किस्मों की अपेक्षा 20 से 30 दिन अधिक लग रहे हैं. इन दोनों नस्लों से उपज की अवधि 140 से 145 दिन है. जबकि अन्य दूसरी किस्में 110 से 115 तो कोई 130 से 135 दिनों का समय लेती हैं. कई किस्मों की अवधि इससे भी कम है. इन दोनों की समयावधि अब तक उपलब्ध सभी नस्लों से अधिक है.

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