गांव में रहकर पीएचइडी योजना की सोशल आडिट करेंगे अधिकारी, बिहार के इन दस जिलों का हुआ चयन…

पटना: पीएचडीइ ने 109 बहु ग्रामीण योजनाओं के तहत रजौली, सिलाव के फेज वन, घोघा घाट और एकल ग्रामीण योजना के तहत दस जिलों में 106 योजनाओं का सोशल ऑडिट कराने का निर्णय लिया गया है. एकल ग्रामीण योजनाओं में नालंदा, नवादा, बांका, मुंगेर, बेगूसराय पटना, पूर्णिया, मुजफ्फरपुर, पश्चिम चंपारण, सारण शामिल है. इन जिलों में विभागीय योजनाओं की स्थिति को जांच करने के लिए चार दिनों तक अधिकारी गांव में रहेंगे. जहां योजना को पूरा किया गया है.

By Prabhat Khabar | September 4, 2020 9:47 AM

पटना: पीएचडीइ ने 109 बहु ग्रामीण योजनाओं के तहत रजौली, सिलाव के फेज वन, घोघा घाट और एकल ग्रामीण योजना के तहत दस जिलों में 106 योजनाओं का सोशल ऑडिट कराने का निर्णय लिया गया है. एकल ग्रामीण योजनाओं में नालंदा, नवादा, बांका, मुंगेर, बेगूसराय पटना, पूर्णिया, मुजफ्फरपुर, पश्चिम चंपारण, सारण शामिल है. इन जिलों में विभागीय योजनाओं की स्थिति को जांच करने के लिए चार दिनों तक अधिकारी गांव में रहेंगे. जहां योजना को पूरा किया गया है.

सोशल आडिट के लिए दो दिनों का प्रशिक्षण शुरू

इस सोशल आडिट के लिए दो दिनों का प्रशिक्षण शुरू किया गया है, जो शुक्रवार शाम तक चलेगा. उसके बाद सभी अधिकारियों को गांव में लोगों से योजनाओं की जानकारी के लिए भेजा जायेगा. गुरुवार को प्रशिक्षण कार्यक्रम का उदघाटन करते हुए पीएचइडी सचिव जितेंद्र कु सिन्हा ने कहा है कि सोशल आडिट से लोगों का सरकारी योजनाओं के प्रति विश्वास बढेगा. उन्होंने कहा कि आडिट में योजनाओं की सही स्थिति के बारे में लोगों से जब जानकारी लिया जायेगा,तो ठेकेदार भी काम में कोताही नहीं करेंगे और निगरानी करने वाले अधिकारी भी हर छोटी से छोटी गडबडी पर ध्यान देंगे.

इन बिंदुओं पर होगी सोशल आडिट

– पाइप बिछाने के लिए तीन फीट खुदाई किया गया या नहीं.

– पाइप बिछाने के बाद खुदाई को ठीक से भरना है

– बिछाये गये पाइप की प्रेशर टेस्टिंग करना अनिवार्य है

– अच्छे प्रेशर का अनुमान्य है कि एक मिनट में 10-12 लीटर पानी भरना चाहिए

– पाइप सही लगा है या नहीं

– योजना पूरा होने के बाद कभी कोई परेशानी आयी है या नहीं.

विभाग ने पहली बार सोशल आडिट का निर्णय लिया

विभाग ने पहली बार सोशल आडिट का निर्णय लिया है. विभाग ने सभी अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया है . उन्हें इसके लिए तीन दिनों तक गांव में रहने का निर्देश दिया गया है. विनोद नारायण झा, मंत्री, पीएचइडी.

Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya

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