Nitish Kumar: मुख्यमंत्री ने बिजली नियंत्रण कक्ष का किया निरीक्षण, बांटे 2390 नियुक्ति पत्र
Nitish Kumar: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हमारी सरकार ने 10 लाख नौकरी एवं 40 लाख रोजगार यानी कुल 50 लाख नौकरी एवं रोजगार उपलब्ध कराया है. अब हमने तय किया है कि अगले पांच वर्षों में इसको दोगुना यानी एक करोड़ नौकरी एवं रोजगार उपलब्ध करायेंगे. सरकार इस पर तेजी से काम कर रही है.
मुख्य बातें
Nitish Kumar: पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऊर्जा विभाग में नवचयनित 2390 लोगों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया. इनमें 1810 तकनीशियन, 512 पत्राचार लिपिक तथा 68 भंडार सहायक कर्मी शामिल हैं. यह नियुक्ति बिहार स्टेट पावर (होल्डिंग) कंपनी लिमिटेड एवं उनसे संबंद्ध कंपनियों के लिए की गयी है. मंगलवार को विद्युत भवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नियुक्ति पत्र पानेवाले सभी लोगों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी. उन्होंने कहा कि आप सभी से उम्मीद करता हूं कि पूरी मेहनत और लगन से काम करेंगे तथा बिहार को और आगे बढ़ायेंगे. उन्होंने कहा कि हमलागों के द्वारा शुरू से ही युवाओं को सरकारी नौकरी एवं रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है.
एक करोड़ रोजी-रोजगार का लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2005 से वर्ष 2020 के बीच 8 लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी दी गयी. वर्ष 2020 में सात निश्चय-2 के तहत 10 लाख नौकरी एवं 10 लाख रोजगार देना तय किया गया था, जिसके तहत हमलोगों ने 10 लाख नौकरी एवं 40 लाख रोजगार यानी कुल 50 लाख नौकरी एवं रोजगार उपलब्ध कराया. अब हमने तय किया है कि अगले पांच वर्षों में इसको दोगुना यानी एक करोड़ नौकरी एवं रोजगार उपलब्ध करायेंगे. सरकार इस पर तेजी से काम कर रही है. इससे पहले मुख्यमंत्री ने सांकेतिक रूप से 03 लोगों सन्नी साकेत, आषुतोष कुमार एवं मोहित कुमार भट्ट को नियुक्ति पत्र प्रदान किया.
ऊर्जा भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए एमओयू
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री के समक्ष राज्य में पम्प्ड स्टोरज प्रोजेक्ट के अधिष्ठापन हेतु एकरारनामे पर हस्ताक्षर किया गया. राज्य में ऊर्जा सुरक्षा को सुदृढ़ करने और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बिहार सरकार द्वारा पम्प स्टोरेज पॉलिसी-2025 लागू की गई है. इस नीति के आधार पर बिहार स्टेट पॉवर जेनेरेशन कंपनी लिमिटेड द्वारा दो एजेंसियों मेसर्स ग्रीनको एवं मेसर्स सन पेट्रो का चयन किया गया है. ये दोनों परियोजनाएं नवादा जिले के पहाड़ी क्षेत्रों में प्रस्तावित हैं, जहां प्राकृतिक ऊँचाई का अंतर पम्प स्टोरेज व्यवस्था के लिए अनुकूल है.
13 हजार करोड़ का होगा निवेश
ग्रीनको द्वारा प्रस्तावित परियोजना की ऊर्जा भंडारण क्षमता 7 हजार 308 मेगावाट तथा सनपेट्रो परियोजना की क्षमता 6 हजार 973 मेगावाट है. इस प्रकार दोनों परियोजनाओं की क्षमता 14 हजार 281 मेगावाट है. इन दोनों परियोजनाओं से राज्य में 13 हजार करोड़ रूपये का निवेश होगा. परियोजना के निर्माण चरण में लगभग 8 हजार लोगों को रोजगार प्राप्त होगा. इन परियोजनाओं के माध्यम से बिहार को नवीन ऊर्जा के एकीकरण, उच्चतम मांग प्रबंधन एवं ग्रिड स्थिरता बनाए रखने की अभूतपूर्व क्षमता प्राप्त होगी. इससे बिजली उपभोक्ताओं को सस्ती दर पर बिजली प्राप्त होगी. राज्य सरकार की पम्प स्टोरेज नीति से शुरू हुई यह पहल भविष्य में बिहार को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर एवं तकनीकी रूप से सक्षम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
स्टेट लोड डिस्पैच सेन्टर का निरीक्षण
नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम के पूर्व मुख्यमंत्री ने विद्युत भवन स्थित स्टेट लोड डिस्पैच सेन्टर (बिजली नियंत्रण कक्ष) का निरीक्षण किया और वहां की व्यवस्थाओं की जानकारी ली. बिहार राज्य में सभी श्रेणी के बिजली उपभोक्ताओं को निरंतर एवं गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति सुनिश्वित करने हेतु राज्य एवं राज्य के बाहर कार्यरत विद्युत उत्पादन केन्द्रों, संचरण कंपनियों एवं वितरण कंपनियों के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए स्टेट लोड डिस्पैच सेन्टर की स्थापना की गई है. विद्युत भवन, पटना के चैथी मंजिल पर स्थित यह केन्द्र राज्य में विद्युत व्यवस्था को सुचारू बनाये रखने के लिए दिन-रात संचालित रहता है. इसमें प्रतिदिन तीन पालियों में संचरण एवं वितरण के विद्युत अभियंताओं के द्वारा राज्य के सभी बिजली उपकेन्द्रों के साथ समन्वय स्थापित कर बिजली की वास्तविक उपलब्धता एवं आवश्यकता के आधार पर पावर सिस्टम का संचालन सुनिश्चित किया जाता है.
डिस्पैच सेन्टर एक नया प्रयोग
पूर्वी क्षेत्र में बिहार इस प्रकार की व्यवस्था लागू करने वाला प्रथम राज्य है. इससे राज्य के अंतर्गत ऊर्जा अंकेक्षण में पारदर्शिता आयी और सटीक मीटर रिपोर्टिंग दर्ज की गई, जिससे राज्य के ट्रांसमिशन लॉस तथा बिलिंग में सुधार हुआ. राज्य में विद्युत उत्पादकों से क्रय की जानेवाली बिजली का समुचित उपयोग हो तथा राज्य के लोगों को लोड शेडिंग के कारण बिजली कटौती का कम से कम सामना करना पड़े, इसके लिए इस केन्द्र में एक नयी तकनीक ऑटोमेटेड सिस्टम बैलेंसिंग मेकेनिज्म को आधिकारिक तौर पर स्थापित किया गया है.
रियल टाईम मॉनिटरिंग हुई संभव
इस प्रकार बिहार में विद्युत आपूर्ति की रियल टाईम मॉनिटरिंग की जा रही है. यह प्रणाली पूरे देश में प्रथम एवं एक नया प्रयोग है. इस केन्द्र ने साइबर सुरक्षा में भी पूरे देश में अग्रणी भूमिका निभाई है. साइबर सुरक्षा के मानदण्डों का अनुपालन करते हुए साइबर सिक्यूरिटी ऑपरेशन सेन्टर की स्थापना विद्युत भवन प्रांगण में की गई है. यह देश का पहला केन्द्र है, जो Artificial Intelligence और Machine Learning से लैस होकर 24ग7 साइबर सुरक्षा हेतु कार्यरत है. गत वर्ष इसे देश के उत्कृष्ट केन्द्र के सम्मान से पुरस्कृत किया गया है.
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