अवैध हथियारों का बड़ा सप्लायर बना बिहार, कश्मीर से आतंकी भी मंगवाते हैं पिस्टल, सूबे में बड़ा रैकेट सक्रिय

बिहार से अवैध हथियारों का सप्लाय लगातार बढ़ता जा रहा है. मुंगेरिया, कानपूरिया और साउथ वाले तीन प्रकार की देशी 7.65 एमएम पिस्टल बिहार में अवैध तरीके से सबसे अधिक मात्रा में बनाया जा रहा है. बंगाल, झारखंड, उत्तरप्रदेश समेत कई राज्यों में इसकी तस्करी के तार जुड़े हैं. वहीं अब जम्मू कश्मीर तक हथियार सप्लाई होने की बात सामने आ रही है. आतंकवादियों को भी बिहार का पिस्टल मुहैया कराया जाने लगा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 16, 2021 11:06 AM

बिहार से अवैध हथियारों का सप्लाय लगातार बढ़ता जा रहा है. मुंगेरिया, कानपूरिया और साउथ वाले तीन प्रकार की देशी 7.65 एमएम पिस्टल बिहार में अवैध तरीके से सबसे अधिक मात्रा में बनाया जा रहा है. बंगाल, झारखंड, उत्तरप्रदेश समेत कई राज्यों में इसकी तस्करी के तार जुड़े हैं. वहीं अब जम्मू कश्मीर तक हथियार सप्लाई होने की बात सामने आ रही है. आतंकवादियों को भी बिहार का पिस्टल मुहैया कराया जाने लगा है.

हाल में ही जम्मू-कश्मीर के डीजीपी ने आतंकियों को बिहार के छपरा से पिस्टल सप्लाई किए जाने के दावे किए जिसके बाद अब मामले की गंभीरता और अधिक बढ़ गयी है. सोमवार को पुलिस की एक टीम ने सारण जिले के एक रिटायर शिक्षक के 25 वर्षीय पुत्र जावेद को गिरफ्तार किया है्. जिसपर आतंकियों के इस्तेमाल के लिए पिस्टल मुहैया कराने का आरोप है. पुलिस की इस कार्रवाई के बाद अब बिहार में बडे रैकेट के सक्रिय होने के संकेत मिल रहे हैं.

हाल के दिनों में एसटीएफ ने ताबड़तोड़ कार्रवाई की है. 25 जनवरी से पांच फरवरी के बीच पुलिस ने आधा दर्जन कार्रवाई की है. जिसमें 13 हथियार तस्करों को दबोचा गया है. पुलिस की कार्रवाई में गया, पटना, मुंगेर, नवगछिया, नालंदा, बख्तियारपुर आदि जगहों पर अधिक हथियार बरामद हुए हैं. इसी महिने मुंगेर के ऋषिकुंड पहाड़ी क्षेत्र से मिनी गन फैक्ट्री का उद्भेदन भी पुलिस के द्वारा किया गया है.

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पुलिस सूत्रों की मानें तो 7.65 एमएम के देशी पिस्टल निर्माण करने वाले कारीगर मुख्य रूप से मुंगेर व आसपास के जिलों के रहते हैं. उन्हीं के द्वारा अन्य कारीगरों को देशी पिस्टल बनाने का प्रशिक्षित किया जाता रहा है.जानकारों के अनुसार, सूबे में तीन तरह के 7.65 एमएम के पिस्टल का अवैध कारोबार चल रहा है. इसमें मुंगेरिया की क्वालिटी सबसे कमजोर होती है और बाजार में इसकी कीमत 20 हजार से शुरू हो कर 80 हजार तक जाती है.सस्ता के कारण बाजार में इसकी अधिक मांग है.

By: Thakur Shaktilochan

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