Mukhyamantri Mahila Rojgar Yojana: महिलाओं को मिलेगा,मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना से 10 हजार से 2 लाख तक की मदद

Mukhyamantri Mahila Rojgar Yojana: घर की चौखट तक सीमित रहने वाली महिलाएं अब उद्यमिता की नई उड़ान भरेंगी. नीतीश सरकार की मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना उनके लिए स्वरोजगार का रास्ता खोल रही है, जिसमें शुरुआती मदद 10 हजार रुपये की और आगे बढ़ने पर दो लाख रुपये तक का सहारा मिलेगा.

By Pratyush Prashant | September 7, 2025 12:51 PM

Mukhyamantri Mahila Rojgar Yojana: बिहार सरकार ने महिलाओं की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने और उन्हें रोजगार की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए एक महत्वाकांक्षी पहल शुरू की है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 7 सितंबर को मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना का शुभारंभ किया.

इसके तहत राज्य की पात्र महिलाओं को व्यवसाय शुरू करने के लिए पहले चरण में 10 हजार रुपये दिए जाएंगे और फिर छह महीने तक लगातार सक्रिय रहने पर दो लाख रुपये तक की अतिरिक्त सहायता भी उपलब्ध कराई जाएगी.

योजना की शुरुआत और मकसद

कैबिनेट से मंजूरी के बाद मुख्यमंत्री ने इस योजना का खाका जारी किया और साथ ही एक विशेष ऑनलाइन पोर्टल भी लॉन्च किया, जहां महिलाएं सीधे आवेदन कर सकती हैं. सरकार का दावा है कि यह कदम न सिर्फ महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाएगा, बल्कि उन्हें समाज में एक उद्यमी के रूप में नई पहचान भी देगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की महिलाएं लंबे समय से घर और खेती-बाड़ी तक सीमित रही हैं. अब समय आ गया है कि वे छोटे-छोटे कारोबार खड़ा करें और अपनी मेहनत से परिवार की आमदनी में इजाफा करें.

किस तरह मिलेगा लाभ

इस योजना के तहत लाभार्थी महिला को 10 हजार रुपये की शुरुआती राशि सीधे बैंक खाते में भेजी जाएगी. यह रकम व्यवसाय की नींव रखने के लिए है. यदि महिला छह महीने तक अपने उद्यम को सक्रिय रखती है और तय मानकों को पूरा करती है, तो उसे दो लाख रुपये तक की सहायता किस्तों में मिलेगी.

हर परिवार से सिर्फ एक महिला को इस योजना का लाभ मिलेगा. आवेदन की प्रक्रिया ऑनलाइन रखी गई है, ताकि किसी तरह की दलाली या बिचौलिये की दिक्कत सामने न आए.

किन उद्यमों को चुना गया

सरकार ने इस योजना में कुल 18 तरह के व्यवसायों को शामिल किया है. इसमें फल-सब्जी और किराना दुकान से लेकर मोबाइल रिपेयर, ब्यूटी पार्लर, कपड़े की दुकान, बकरी पालन, मुर्गी पालन और ई-रिक्शा जैसे काम भी शामिल हैं. इतना ही नहीं, महिलाएं चाहें तो अन्य व्यवसाय का नाम खुद भी दर्ज कर सकती हैं और उसके लिए सहायता प्राप्त कर सकती हैं.

इस लचीलेपन का उद्देश्य है कि महिलाएं अपनी परिस्थिति और स्थानीय मांग के हिसाब से रोजगार का रास्ता चुनें.

आवेदन प्रक्रिया कितनी आसान

योजना का लाभ लेने के लिए महिलाओं को पोर्टल पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना होगा. आधार कार्ड, बैंक पासबुक और स्थानीय पहचान पत्र अपलोड करने के बाद जिला स्तर की समिति आवेदन की समीक्षा करेगी. इसके बाद पात्र महिलाओं के खाते में सीधे रकम भेज दी जाएगी.

सरकार का दावा है कि आवेदन की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और सरल रखी गई है ताकि ग्रामीण इलाके की महिलाएं भी आसानी से इससे जुड़ सकें.

उम्मीदें और चुनौतियां

इस योजना से बिहार में महिला उद्यमिता को नई गति मिलने की उम्मीद है. छोटे स्तर पर दुकानें और व्यवसाय शुरू होने से न केवल परिवार की आमदनी बढ़ेगी बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार भी सृजित होगा. यह योजना खासकर ग्रामीण महिलाओं को पलायन से रोकने और उन्हें गांव में ही आजीविका उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभा सकती है.

लेकिन चुनौतियां भी कम नहीं हैं. कारोबार शुरू करने के बाद महिलाओं को प्रशिक्षण, बाजार और तकनीकी सहयोग की जरूरत होगी. यदि सरकार इन पहलुओं पर ध्यान नहीं देती तो शुरुआती सहायता मिलने के बावजूद कई उद्यम टिक नहीं पाएंगे.

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