आइजीआइएमएस में नालंदा के कैदी के पेट से निकले धातु के तार और पेंसिल
आइजीआइएमएस में 23 वर्षीय सजायाफ्ता कैदी के पेट और आंत से मेटल के चार तार और दो पेंसिल निकाली गयीं.
संवाददाता, पटना आइजीआइएमएस में 23 वर्षीय सजायाफ्ता कैदी के पेट और आंत से मेटल के चार तार और दो पेंसिल निकाली गयीं. आइजीआइएमएस के चिकित्सा अधीक्षक डॉ मनीष मंडल ने बताया कि नालंदा जिले का निवासी यह कैदी नालंदा जेल में सजा काट रहा था. पेट दर्द की शिकायत के बाद उसे बेऊर जेल भेजा गया, जहां से परीक्षण के लिए पीएमसीएच रेफर किया गया. पीएमसीएच में हुए अल्ट्रासाउंड, ब्लड टेस्ट और एक्स-रे में कैदी के पेट के भीतर धातु के कई तार और अन्य कठोर वस्तुएं पायी गयीं. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पीएमसीएच ने उसे आइजीआइएमएस रेफर किया. डॉक्टर ने बताया कि आइजीआइएमएस में सभी रिपोर्टों की जांच के बाद एंडोस्कोपी करने का निर्णय लिया गया. डॉ मंडल ने बताया कि एंडोस्कोपी में कैदी के पेट और छोटी आंत में चार मेटल तार और दो पेंसिल फंसी पायी गयीं. तुरंत गैस्ट्रो मेडिसिन, गैस्ट्रो सर्जरी और एनेस्थीसिया की टीमें अलर्ट पर रखी गयीं. गैस्ट्रो मेडिसिन विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ राहुल कुमार के नेतृत्व में एंडोस्कोपी के माध्यम से सभी अवांछित वस्तुएं सुरक्षित रूप से बाहर निकाली गयीं. उन्होंने बताया कि कैदी ने करीब पांच महीने पहले नशे की हालत में ये नुकीली वस्तुएं निगल ली थीं. ऐसी चीजें पाचन तंत्र को काट सकती हैंं, छेद कर सकती हैं और गंभीर रक्तस्राव व आंत अवरोध पैदा कर सकती हैं. इसके बावजूद मरीज में आंतरिक रक्तस्राव के लक्षण नहीं मिले, जो चिकित्सा दृष्टि से अत्यंत दुर्लभ स्थिति है.
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