Lok Sabha Election 2024: बेटिकट हुए नेता तलाश रहे विकल्प, पारस ने साध रखा है मौन, जानें क्या कर रहे प्रिंस

Lok Sabha Election 2024 राम विलास पासवान के निधन के बाद लोजपा दो भागों में बंट गयी.एक गुट रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान के साथ तो दूसरा गुट रामविलास पासवान के छोटे भाई पशुपति पारस के साथ खड़ी हो गई. लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा के चिराग पासवान के साथ गठबंधन करने से पारस समेत उनके गुट के सभी नेता बेटिकट हो गए. वे विकल्प की तलाश कर रहे हैं

By RajeshKumar Ojha | March 29, 2024 7:35 AM

Lok Sabha Election 2024 बिहार में पहले चरण का नामांकन खत्म हो गया. करीब दर्जन भर नेता बे टिकट हो गये. मौजूदा सांसद जदयू के महाबली सिंह और विजय कुमार मांझी तथा सुनील कुमार पिंटू, भाजपा के छेदी पासवान, रमा देवी, अश्विनी कुमार चौबे और अजय निषाद, लोजपा के चंदन सिंह, रालोजपा अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस सरीखे नेताओं के इस बार चुनाव लड़ने पर संकट दिख रहे हैं. ये सब मौजूदा सांसद हैं, इनके अलावा कई पूर्व सांसद हैं, जो चुनाव लड़ने को तैयार बैठे हैं पर उन्हें भी इस बार भी किसी दल से अब तक सिंबल नहीं मिल पाया है.

ये हो गए बेटिकट

ऐसे नेताओं में पूर्व राज्यपाल व कांग्रेस नेता निखिल कुमार, पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र प्रसाद यादव, कांग्रेस के तारिक अनवर और राजद में शामिल हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री मो अली अशरफ फातमी के नाम हैं. कुछ ऐसे नेता भी हैं, जिन्हें उम्मीद थी कि उनकी पार्टी चुनाव लड़ने का प्रबंध करेगी, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया. ऐसे नेताओं में पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह, पूर्व सांसद वीरेंद्र कुमार चौधरी, पूर्व सांसद पप्पू यादव, पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, पूर्व सांसद अरुण कुमार, पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि जैसे नेता बेटिकट रह गये हैं. ये ऐसे नेता हैं, जिनकी किसी समय राजनीति में तूती बोलती रही थी. समय ने करवट बदला, तो राजनीतिक परिस्थितियां बदलती गयीं, अब इनकी जगह पार्टियों ने किसी दूसरे काे टिकट थमा दिया है.

पारस ने साध रखा है मौन, प्रिंस साध रहे चिराग से संपर्क

हाल तक केंद्र सरकार में मंत्री रहे पशुपति कुमार पारस की राजनीति भी अधर में है. रामविलास पासवान के छोटे भाई पारस को 2019 के लोकसभा चुनाव में हाजीपुर सुरक्षित सीट से एनडीए उम्मीदवार के तौर पर भारी जीत मिली थी. रामविलास पासवान ने उन्हें अपने होते हुए हाजीपुर से उम्मीदवार बनाया था. पासवान के निधन के बाद लोजपा दो भागों में बंट गयी. एक गुट रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान का बना और दूसरे के स्वयं पारस अध्यक्ष हुए. अब भाजपा ने हाजीपुर की सीट चिराग पासवान की लोजपा (रामविलास) को सौंप दिया है. उधर,पारस की जिद हाजीपुर से ही लड़ने की रही है.

प्रिंस राज चचेरे भाई चिराग पासवान के संपर्क में

ऐसे में पारस को लेकर महागठबंधन में भी अब तक कोई रास्ता नहीं निकल पाया है. पारस के साथ रहे उनके दूसरे भतीजे समस्तीपुर के सांसद प्रिंस राज के चचेरे भाई चिराग पासवान के साथ संपर्क की सूचना आ रही है. ऐसी ही कुछ स्थिति मुजफ्फरपुर के सांसद अजय निषाद के साथ आ खड़ी हुई है. कैप्टन जय नारायण प्रसाद निषाद के पुत्र अजय निषाद मुजफ्फरपुर के मौजूदा सांसद हैं. भाजपा ने उनका टिकट काट दिया और उनकी जगह 2019 के आम चुनाव में उनके हाथों पराजित हुए डॉ राजभूषण निषाद को उम्मीदवार बनाया है. सूत्र बताते हैं कि नाराज अजय निषाद ने महागठबंधन के नेताओं से संपर्क साधा है.

जदयू सांसद सुनील कुमार पिंटू भी हुए बेटिकट

महागठबंधन में मुजफ्फरपुर की सीट पर कांग्रेस चुनाव लड़ती रही है. जानकार बताते हैं कि मुजफ्फरपुर में कांग्रेस से विजेंद्र चौधरी भी चुनाव लड़ने को इच्छुक हैं. ऐसे में अजय निषाद के सामने कोई दूसरा विकल्प नहीं है. वैसे उनके भाजपा के आला नेताओं के संपर्क में होने की भी चर्चा है.सीतामढ़ी के मौजूदा जदयू के सांसद सुनील कुमार पिंटू भी बेटिकट हो गये हैं. जदयू ने उनकी जगह देवेश चंद्र ठाकुर को उम्मीदवार बनाया है. यहां पूर्व सांसद अर्जुन राय, राम कुमार शर्मा आदि नेता भी चुनाव लड़ने को इच्छुक रहे हैं. अब पिंटू के समक्ष चुनाव लड़ने के लिए किसी तीसरे विकल्प का सहारा लेना होगा.

ये भी पढ़ें…

Lok Sabha Election 2024: जमुई में लोजपा और राजद के बीच होगा मुख्य मुकाबला

Bihar Politics: बिहार में 9 सीटों पर चुनाव लड़ेगी कांग्रेस!, जानें झारखंड में कितनी सीटों पर लड़ेगी आरजेडी

Next Article

Exit mobile version