IRCTC Scam: कोर्ट में सवाल पूछने पर क्या बोले लालू-राबड़ी, बिहार चुनाव से पहले आई बड़ी आफत
IRCTC Scam: आईआरसीटीसी घोटाला मामले में लालू-राबड़ी और तेजस्वी यादव पर आरोप तय कर दिये गए हैं. कोर्ट की तरफ से सवाल पूछने पर लालू यादव और राबड़ी देवी ने आरोपों को गलत बताया. हालांकि, कोर्ट ने लालू यादव पर टिप्पणी की कि टेंडर प्रक्रिया में उन्होंने हस्तक्षेप किया.
IRCTC Scam: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले लालू परिवार पर बड़ी आफत आ पड़ी है. आज आईआरसीटीसी घोटाला मामले में कोर्ट ने आरोप तय कर दिया है. लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव पर मुकदमा चलाया जायेगा. बिहार चुनाव से पहले दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने बड़ा फैसला सुना दिया है.
क्या बोलें लालू-राबड़ी?
कोर्ट की तरफ से कहा गया कि लालू यादव की जानकारी में ही टेंडर प्रक्रिया में साजिश रची गई थी. कोर्ट ने लालू यादव से पूछा, क्या आप आरोप स्वीकार करते हैं? इसके जवाब में आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने कहा, मैं दोषी नहीं हूं. सभी आरोप गलत हैं. इसके साथ ही राबड़ी देवी से भी सवाल किया गया, आप पर लगे आरोपों को लेकर क्या कहना है? इसके जवाब में राबड़ी देवी ने कहा, मैं किसी भी तरह की साजिश या फिर धोखाधड़ी में शामिल नहीं हूं.
तेजस्वी यादव से भी पूछा सवाल
लालू यादव और राबड़ी देवी के साथ तेजस्वी यादव से भी कोर्ट ने सवाल किया, यही आरोप आप पर भी लगे हैं. क्या आप आरोप स्वीकार करते हैं? इस सवाल पर तेजस्वी यादव ने भी आरोपों को गलत बताया. इस तरह से आज बड़ा फैसला कोर्ट ने लालू परिवार को लेकर लिया.
बिहार चुनाव से पहले बढ़ी मुसीबत
जानकारी के मुताबिक, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव पर धोखाधड़ी और साजिश रचने के मामले में आईपीसी की धारा 420 और 120बी के तहत आरोप तय किए गए हैं. जाहिर सी बात है कि अब बिहार चुनाव से पहले लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ गई हैं. बता दें कि इस केस में आरोप है कि आईआरसीटीसी होटलों के रखरखाव के ठेके लालू प्रसाद यादव से जुड़ी एक बेनामी कंपनी से हासिल की गई तीन एकड़ कीमती जमीन के बदले में दिए गए थे.
2017 में दर्ज हुआ था एफआईआर
7 जुलाई, 2017 को सीबीआई ने एक एफआईआर दर्ज कर लालू प्रसाद और उनके परिवार से जुड़े पटना, नई दिल्ली, रांची और गुरुग्राम के 12 ठिकानों पर छापेमारी की थी. सीबीआई का दावा है कि सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के लिए उनके पास पर्याप्त सबूत मौजूद हैं. जबकि लालू प्रसाद के वकील का तर्क है कि उनके खिलाफ इस मामले में मुकदला चलाए रखने का कोई वैधानिक तर्क नहीं है.
