इंडस्ट्रीयल कॉरिडर बनने से बिहार के औद्योगिक उत्पादन में होगा इजाफा, 2037 तक 12.6 फीसदी होगी औद्योगिक विकास दर

कॉरिडोर प्रोजेक्ट को बिहार की अर्थव्यस्था में गेमचेंजर माना जा रहा है. यह देखते हुए कि विकास दर में उत्साहजनक इजाफे के अलावा कॉरिडोर में कुल उत्पादन के मूल्य में 8% की हिस्सेदारी बिहार की होगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 14, 2023 3:40 AM

राजदेव पांडेय, पटना: अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (एकेआइसी) के आकार लेने के बाद बिहार की मैन्युफेक्चरिंग सेक्टर की वार्षिक विकास दर में जबरदस्त वृद्धि होने की संभावना है. वर्ष 2037 तक प्रदेश की सालाना वृद्धि दर 12.6 % की प्रस्तावित की गयी है. यह विकास दर इस कॉरिडोर में शामिल राज्यों में पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, झारखंड और पश्चिमी बंगाल की तुलना में यह सबसे अधिक है. यह कॉरिडोर गया जिले से निकल रहा है.

2037 तक औसत विकास दर 12.6%

कॉरिडोर प्रोजेक्ट को बिहार की अर्थव्यस्था में गेमचेंजर माना जा रहा है. यह देखते हुए कि विकास दर में उत्साहजनक इजाफे के अलावा कॉरिडोर में कुल उत्पादन के मूल्य में 8% की हिस्सेदारी बिहार की होगी. नेशनल इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरिडोर डेवलपमेंट प्रोग्राम की प्रोजेक्ट रिपोर्ट के मुताबिक 2022-27 के बीच बिहार की विकास दर 12.3%, 2027-2032 के बीच 14.3 और 2032-37 के बीच यह विकास दर 15.3% अनुमानित है. इस तरह 2037 तक औसत विकास दर 12.6% होगी. इस संदर्भ में विशेषज्ञों का कहना है कि चूंकि बिहार में इस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में निर्माण क्षेत्र 2022 तक पूरा नहीं हुआ है. इसके बाद भी विकास दर इसी के कमोबेश रहने का अनुमान है.

औद्योगिक उत्पादन में 1084 हजार करोड़ का इजाफा संभव

कॉरिडोर परवान चढ़ता है तो बिहार के खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में 319 हजार करोड़, सी एंड पी में 601 हजार करोड़, मेटल इंडस्ट्रीज में 44 हजार करोड़, मशीनरी 43 हजार करोड़, ऑटो इंडस्ट्रीज सेक्टर में 16 हजार करोड़, इलेक्ट्रॉनिक्स और फार्मा सेक्टर में 3 हजार करोड़, टेक्सटाइल में 15 हजार करोड़ अदर्स इंडस्ट्रीज में 41 हजार करोड़ का उत्पादन मूल्य होगा. इंडस्ट्रियल कॉरीडोर का कुल उत्पादन मूल्य 1084 हजार करोड़ रुपये अनुमानित है.

बिहार से रोजगार के लिए होने वाला पलायन रुकेगा

इधर बिहार उद्योग विभाग के प्रधान सचिव संदीप पौंड्रिक ने आठ फरवरी को अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (एकेआइसी) प्रोजेक्ट पर नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट प्रोग्राम और टाटा इंसल्टिंग इंजीनरियर्स के अफसरों से कॉरिडोर विकास के संदर्भ में चर्चा की है. कॉरिडोर के विकास के संदर्भ में इस बैठक में जरूरी दिशा निर्देश दिये गये. गया जिले में घमरिया क्षेत्र में करीब 1650 एकड़ की साइट को अमृतसर कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर (एकेआइसी) के हिस्से के रूप में एक एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर (आइएमसी) के रूप में विकसित किया जा रहा है. विशेषज्ञों के मुताबिक इस कॉरिडोर से न केवल औद्योगिक विकास होगा, बल्कि बिहार से रोजगार के लिए होने वाला पलायन भी रुकेगा.

Next Article

Exit mobile version