बिहार को रेलवे की बड़ी सौगात! इन जिलों से होकर गुजरेगी 110 KM लंबी नई रेल लाइन, 15 स्टेशन होंगे तैयार

Indian Railways: बिहार में रेलवे विकास की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए अररिया से गलगलिया के बीच 110 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन का सफल ट्रायल रन पूरा कर लिया गया है. यह परियोजना पूर्वोत्तर बिहार को उत्तर बंगाल और पूर्वोत्तर भारत से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.

By Abhinandan Pandey | June 24, 2025 11:23 AM

Indian Railways: बिहार के रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को नई रफ्तार देने के लिए एक बड़ी और ऐतिहासिक पहल की गई है. पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने अररिया से गलगलिया तक 110 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन का सफल प्रायोगिक ट्रायल रन पूरा कर लिया है. यह रेल परियोजना पूर्वोत्तर बिहार को उत्तर बंगाल और पूर्वोत्तर भारत से जोड़ने के लिए एक वैकल्पिक और आधुनिक कनेक्टिविटी उपलब्ध कराएगी.

सोमवार को पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के महाप्रबंधक (निर्माण) अरुण कुमार चौधरी के नेतृत्व में ठाकुरगंज स्टेशन से इस ट्रायल रन की शुरुआत की गई. उन्होंने स्टेशन की सुविधाओं, संरचना, सिग्नलिंग, ट्रैक की मजबूती और सुरक्षा उपायों का गहन निरीक्षण किया. ट्रायल ट्रेन ने तेज़ रफ्तार में पूरे रेलखंड पर दौड़ लगाई और हर तकनीकी पहलू का परीक्षण किया गया.

लोगों के लिए वर्षों का इंतजार हुआ खत्म

इस रेललाइन के शुरू होने की खबर से इलाके में खुशी की लहर है. स्थानीय लोगों ने गलगलिया स्टेशन पर जीएम का गर्मजोशी से स्वागत किया. अररिया से भाजपा सांसद प्रदीप कुमार सिंह भी इस निरीक्षण में शामिल रहे और कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले इस रूट पर यात्री ट्रेनें शुरू हो जाएंगी, जो पूर्णिया, कटिहार, अररिया और आसपास के लाखों लोगों के लिए सौगात होगी.

15 स्टेशन और 2132 करोड़ की लागत

इस प्रोजेक्ट के तहत 15 रेलवे स्टेशन और 1 हाल्ट स्टेशन बनाए गए हैं. प्रमुख स्टेशनों में गलगलिया, ठाकुरगंज, कुर्साकाटा, बीबीगंज, टेढ़ागाछ, पौआखाली, अररिया कोर्ट जैसे नाम शामिल हैं. 2004-05 में स्वीकृत इस परियोजना की शुरुआत 2006 में तत्कालीन सांसद मु. तस्लीमुद्दीन और तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव की उपस्थिति में ठाकुरगंज में हुई थी. हालांकि, निर्माण कार्य 2019 में जाकर तेज़ी से शुरू हो सका.

परियोजना की कुल लागत लगभग 2132 करोड़ रुपये है, जिसमें 1632 एकड़ भूमि अधिग्रहण भी शामिल है. रेलवे अधिकारियों का मानना है कि यह रेललाइन सामाजिक-आर्थिक विकास के साथ-साथ ट्रेड और ट्रांसपोर्टेशन को भी नई दिशा देगी.

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