Gopal Khemka Murder: शूटर उमेश ने गंगा किनारे ली पिस्तौल चलाने की ट्रेनिंग, पहले शादी में चलाता था जेनरेटर

Gopal Khemka Murder: गोपाल खेमका हत्याकांड में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है. मुख्य शूटर उमेश यादव ने खुद पिस्टल चलाने की ट्रेनिंग ली और अकेले ही रेकी कर वारदात को अंजाम दिया. हत्या के बाद उसने बेटी की स्कूल फीस भी चुकाई थी.

By Abhinandan Pandey | July 9, 2025 10:30 AM

Gopal Khemka Murder: पटना के बहुचर्चित कारोबारी गोपाल खेमका हत्याकांड में पुलिस की जांच ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. मंगलवार को पुलिस ने बताया कि मुख्य शूटर उमेश यादव ने न सिर्फ खेमका की रेकी खुद की, बल्कि हत्या से पहले पिस्टल चलाने की बाकायदा ट्रेनिंग भी ली थी. यह ट्रेनिंग उसने पटना के मालसलामी इलाके में गंगा घाट के पास ली, जहां उसने खुद पिस्टल लोड करना और फायर करना सीखा.

गंगा घाट बना शूटर की ट्रेनिंग ग्राउंड

पुलिस के अनुसार, उमेश यादव ने दो से तीन बार की कोशिश में ही पिस्टल चलाना सीख लिया था. वह हथियार को अपने घर में ही छुपाकर रखता था. ट्रेनिंग के दौरान हर बार अशोक साव नाम का शख्स उसकी गतिविधियों में शामिल रहता था. यही अशोक साव बाद में हत्या की पूरी साजिश में सहयोगी भी बना.

हत्या के बाद बेटी की स्कूल फीस जमा की

खौफनाक बात यह है कि हत्या के बाद जब उमेश को साजिश के बदले 3.5 लाख रुपये की शेष रकम मिली, तो वह सीधे अपनी बेटी के स्कूल पहुंचा और 45 हजार रुपये की बकाया फीस जमा कर दी. बाकी की राशि पुलिस ने बरामद कर ली है.

बेरोजगारी से अपराध की ओर

उमेश पहले जेनरेटर ऑपरेटर का काम करता था, लेकिन बेरोजगार होने के बाद आर्थिक तंगी से जूझ रहा था. इसी दौरान उसकी मुलाकात नालंदा में एक शादी समारोह में अशोक साव से हुई. अशोक ने उसे “काम” दिलाने का झांसा दिया और दोनों के बीच लगातार बातचीत होने लगी, जो आखिरकार एक हत्याकांड में बदल गई.

खुद ही की रेकी, नहीं लिया किसी लाइनर की मदद

पुलिस का कहना है कि उमेश यादव ने गोपाल खेमका की हत्या के लिए किसी तीसरे व्यक्ति या “लाइनर” की मदद नहीं ली. उसने खुद ही बांकीपुर क्लब से खेमका की रेकी शुरू की. वारदात के दिन खेमका जब बाकरगंज के पास अपने एक साथी को छोड़ने के लिए गाड़ी रोके, उसी वक्त उमेश ने उन्हें निशाना बनाया.

हत्या की गुत्थी सुलझने के बाद पुलिस की जांच तेज

इस खुलासे के बाद पटना पुलिस ने इस मामले में कई और कड़ियों को जोड़ना शुरू कर दिया है. यह हत्याकांड सिर्फ एक साजिश नहीं, बल्कि बेरोजगारी, अपराध की तरफ बढ़ती मानसिकता और संगठित योजना का मिश्रण बन गया है.

Also Read: महागठबंधन का बिहार बंद: वोटर वेरीफिकेशन के विरोध में रोकी ट्रेनें, प्रदर्शनकारियों ने कई शहरों में किया हाईवे जाम