हर संस्थान में आंतरिक समिति का गठन अनिवार्य
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न की रोकथाम पॉश अधिनियम, 2013 के तहत आंतरिक समिति की बैठक का आयोजन किया गया.
– अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में पॉश अधिनियम के तहत आंतरिक समिति की बैठक हुई
संवाददाता, पटना
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न की रोकथाम पॉश अधिनियम, 2013 के तहत आंतरिक समिति की बैठक का आयोजन किया गया.बैठक की अध्यक्षता विभागीय आंतरिक समिति की अध्यक्ष जयंती ने की. उन्होंने कहा कि 10 या अधिक कर्मचारियों वाले हर संस्थान में आंतरिक समिति का गठन अनिवार्य है.
अगर किसी भी महिला की शिकायतकर्ता को घटना के तीन महीने के भीतर शिकायत दर्ज करना जरूरी है. समिति शिकायत की जांच 90 दिनों में पूरी करके 10 दिनों में रिपोर्ट प्रस्तुत करना होगा. उन्होंने कहा संस्थान द्वारा पॉश अधिनियम का पालन न करने पर 50 हजार तक जुर्माना लगाया जा सकता है. वहीं, कार्यस्थल की परिभाषा केवल कार्यालय तक सीमित नहीं है, बल्कि किसी भी स्थान पर लागू होती है.जहां काम से संबंधित गतिविधियां होती हैं.इस अवसर पर समिति के सदस्य एवं सभी महिला कर्मी उपस्थित रहे. बैठक में पीपीटी से पॉश अधिनियम के विभिन्न पहलुओं से अवगत करवाया गया. अधिनियम का उद्देश्य कार्यस्थल पर महिलाओं को यौन उत्पीड़न से सुरक्षा देना, उसकी रोकथाम करना और पीड़ित को न्याय दिलाना है. बैठक में नये सदस्यों को संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार), 15 (लैंगिक भेदभाव पर रोक) और 21 (व्यक्तिगत स्वतंत्रता) की जानकारी दी गयी. जयंती ने यह भी स्पष्ट किया कि पॉश अधिनियम केवल महिलाओं के लिए नहीं, बल्कि सभी कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण है. इसकी जानकारी हर व्यक्ति को होनी चाहिए. इसके लिए पॉश प्रशिक्षण को अनिवार्य रूप से करना आवश्यक है. बैठक विभाग में सुरक्षित, समावेशी और सम्मानजनक कार्यस्थल के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रही.
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