Patna News : उपभोक्ता आयोग के इ-जागृति पोर्टल पर लॉन्च के दो माह बाद भी सुविधाएं अधूरी

उपभोक्ता आयोग के इ-जागृति पोर्टल को लॉन्च हुए करीब दो माह हो गये हैं, लेकिन सभी सुविधाएं अब तक बहाल नहीं हुई हैं. इसका खामियाजा पीड़ितों या वादकारियों को भुगतना पड़ रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | February 25, 2025 1:26 AM

हिमांशु देव, पटना : उपभोक्ता आयोग में शिकायत के लिए बार-बार कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़े, इसके लिए इ-जागृति पोर्टल लॉन्च कर सभी सुविधाएं ऑनलाइन कर दी गयी हैं. यह सुविधा राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के अवसर पर लॉन्च की गयी. लेकिन, पोर्टल को लॉन्च हुए करीब दो माह हो गये हैं, लेकिन सभी सुविधाएं अब तक बहाल नहीं हुई हैं. इसका खामियाजा पीड़ितों या वादकारियों को भुगतना पड़ रहा है. दरअसल, 24 दिसंबर, 2024 से अब तक सभी प्रकार के वाद ऑनलाइन माध्यम से दर्ज किये जा रहे हैं. लेकिन, पेमेंट गेटवे के डेवलप नहीं होने से फीस का भुगतान करने में असुविधा हो रही है. इससे दो माह में राज्य आयोग में सिर्फ 35 केस ही दर्ज हुए हैं, क्योंकि पांच लाख या इससे अधिक के मामले के लिए फीस का भुगतान करना पड़ता है. वहीं, मैन्यूअल या ऑफलाइन तरीके से केस दर्ज करने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गयी है.

कर्मियों को काम करने में भी हो रही असुविधा

पोर्टल में कई नयी सुविधाओं की शुरुआत हुई है. इससे वादकारियों को घर बैठे ही मुकदमा दायर करने की सुविधा मिल रही है. साथ ही अब रियल टाइम में सीरियल नंबर ऑटोमेटिक मिल रही है. लेकिन, कर्मियों को काम करने में असुविधा हो रही है. लगातार नेटवर्क एरर का नोटिफिकेशन आता है. फैसला होने के बाद जजमेंट को भी अपलोड करने में परेशानी आती है. वहीं, राज्य आयोग में दो कोर्ट चलते हैं. लेकिन, एक ही कोर्ट रूम का वाद सूची तैयार हो रहा है. दूसरे को खुद से तैयार करना पड़ता है.

दो साल में 1.80 करोड़ का कराया भुगतान

राज्य उपभोक्ता आयोग में अध्यक्ष पद पर 21 दिसंबर, 2022 को न्यायमूर्ति संजय कुमार ने पदभार ग्रहण किया है, जिसके बाद उन्होंने मामलों के निबटान की गति में तेजी लाते हुए दिसंबर, 2024 तक शिकायतों का निबटान करते हुए मुआवजे के रूप में करीब 1.80 करोड़ रुपये का भुगतान कराया. इसमें वरिष्ठ नागरिकों, विधवाओं, कैंसर, हृदय रोग जैसी पुरानी बीमारियों से पीड़ित रोगियों और शारीरिक रूप से विकलांग मामलों से संबंधित मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निबटाया गया. लेकिन, अब पोर्टल तैयार नहीं होने से काम धीमा चल रहा है.

उपभोक्ता आयोग में शिकायत करने के लिए फीस

पांच लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक के दावों के लिए 200 रुपये फीस 10 लाख रुपये से 20 लाख रुपये तक के दावों के लिए 400 रुपये फीस

20 लाख रुपये से 50 लाख रुपये तक के दावों के लिए 1,000 रुपये फीस

50 लाख रुपये से एक करोड़ रुपये तक के दावों के लिए 2,000 रुपये फीस

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