विशेषज्ञों ने साझा किया विकास का रोडमैप
राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास को लेकर पटना में ‘बिहार संकल्प 2025’ नामक एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
सामाजिक और आर्थिक विकास को लेकर पटना में ‘बिहार संकल्प 2025’ नामक एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन संवाददाता, पटना. राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास को लेकर पटना में ‘बिहार संकल्प 2025’ नामक एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया. भारतीय स्टेट बैंक और देहात संस्था के संयुक्त प्रयास से आयोजित इस कार्यक्रम में प्रशासन, कृषि, शिक्षा, तकनीक और मीडिया से जुड़े कई जाने-माने लोग शामिल हुए. इस आयोजन का उद्देश्य था बिहार के भविष्य की सामूहिक रूप से कल्पना करना और विकास की दिशा में ठोस संकल्प लेना. मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित भारतीय स्टेट बैंक के दक्षिण बिहार सर्कल के महाप्रबंधक आर. नटराजन ने कहा, बिहार की क्षमताओं को यदि सही दिशा मिले तो यह राज्य देश का नेतृत्व कर सकता है. बैंकिंग प्रणाली के ज़रिए हम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूती दे सकते हैं. देहात संस्था के सह-संस्थापक श्याम सुंदर सिंह ने कहा, किसानों को तकनीक से जोड़ना और बाज़ार तक पहुंच दिलाना हमारी प्राथमिकता है. बिहार में कृषि नवाचार की ज़मीन तैयार हो रही है. मुख्य वक्ता और विधान परिषद सदस्य सच्चिदानंद राय ने कहा, अब समय आ गया है कि बिहार अपनी छवि से आगे बढ़े. हमें नकारात्मक सोच को पीछे छोड़कर नेतृत्व की भूमिका में आना चाहिए. इस संकल्प में हर नागरिक की भागीदारी ज़रूरी है. कार्यक्रम में प्रमुख अर्थशास्त्रियों, सरकारी अधिकारियों और सांस्कृतिक प्रतिनिधियों ने बिहार की संभावनाओं और चुनौतियों पर चर्चा की. ‘ड्रीमिंग बिहार’ नामक सत्र में प्रतिभागियों ने राज्य के भविष्य को लेकर अपने विचार साझा किए. ‘बिहार कैटलिस्ट्स’ सत्र में उन संस्थाओं की कहानियां सुनाई गईं जो कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य और उद्यमिता के क्षेत्र में बदलाव ला रही हैं. ‘डिजिटल और कृत्रिम बुद्धिमत्ता’ विषय पर विशेषज्ञों ने बताया कि तकनीक किस तरह ग्रामीण विकास का ज़रिया बन सकती है. ‘बिहार की नई पहचान’ सत्र में मीडिया पेशेवरों ने राज्य की सार्वजनिक छवि को लेकर चर्चा की और यह सवाल उठाया कि बिहार को अक्सर नकारात्मक ढंग से क्यों प्रस्तुत किया जाता है.अंत में ‘बिहार निर्माण की प्रतिबद्धता’ सत्र में उपस्थित लोगों ने अपने समय, संसाधन और कौशल को राज्य के विकास के लिए समर्पित करने का संकल्प लिया. कार्यक्रम में समाजसेवी, युवा उद्यमी, नीति विशेषज्ञ, और सांस्कृतिक कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल हुए.बिहार की संस्कृति को दर्शाने वाले लोकनृत्य और गीतों की प्रस्तुति भी हुई.
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