Patna : डॉक्टर वायरल बुखार में बच्चों को नहीं देंगे एंटीबायोटिक

बच्चों को वायरल बुखार में एंटीबायोटिक दवा देने की जरूरत नहीं है. इस संबंध में इंडियन एकेडमी ऑफ पेडियाट्रिक्स ने बच्चों के बुखार के इलाज का नया प्रोटोकॉल तय करके सभी राज्यों के आइएपी सदस्य डॉक्टरों को जागरूकता फैलाने को कहा है.

By Prabhat Khabar | May 21, 2024 7:38 PM

संवाददाता, पटना : अब डॉक्टर वायरल बुखार से पीड़ित बच्चों को एंटीबायोटिक दवा नहीं देंगे. बच्चों को बुखार में एंटीबायोटिक दवा देने की जरूरत नहीं है, इससे जुड़े पहलुओं के बारे में उनके अभिभावकों को भी जानकारी दी जायेगी. इसको लेकर इंडियन एकेडमी ऑफ पेडियाट्रिक्स (आइएपी) के सदस्य डॉक्टरों की ओर से जागरूक किया जायेगा. इस संबंध में आइएपी ने बच्चों के बुखार के इलाज का नया प्रोटोकॉल तय करके सभी राज्यों के आइएपी सदस्य डॉक्टरों को जागरूकता फैलाने को कहा है. डॉक्टरों के लिए फीवर मॉड्यूल जारी किया गया है. हाल ही में केंद्रीय आइएपी की टीम ने सभी राज्यों के शिशु रोग विशेषज्ञों को इसकी बारीकियों से अपडेट कराया था. ऐसे में आइएपी बिहार स्टेट ब्रांच के पदाधिकारियों ने बताया कि प्रदेश भर में चाइल्ड स्पेशलिस्ट अब इसी मॉड्यूल के आधार पर बुखार से पीड़ित बच्चों का इलाज करेंगे.

वायरल बुखार अधिकतम सात दिनाें में होता है ठीक :

इंडियन एकेडमी ऑफ पेडियाट्रिक एसोसिएशन बिहार चैप्टर के पूर्व अध्यक्ष डॉ बीके सिंह ने बताया कि वायरल संक्रमण से होने वाले बुखार में बच्चों को एंटीबायोटिक दवा देने की कतई जरूरत नहीं है. इस तरह के बुखार को ठीक होने में अधिकतम एक सप्ताह का समय लगता है. एंटीबायोटिक देने पर भी वायरल बुखार एक सप्ताह में ही ठीक होता है और दवा नहीं देने पर बच्चों के शरीर में वायरल संक्रमण से लड़ने की क्षमता विकसित होती है. चिकित्सकों पर अभिभावकों के साथ-साथ दवा दुकानदारों को भी यह समझाने की जिम्मेदारी होगी कि वह बच्चे का वायरल बुखार जल्दी नहीं उतरने को लेकर परेशान नहीं हों.

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