Digital Census: बिहार में शुरू हुई तैयारी, पहली बार पूरी तरह डिजिटल होगी जनगणना
Digital Census 2027 : बिहार के लिए एक ऐतिहासिक मौका आने वाला है. पहली बार राज्य में होने जा रही जनगणना पूरी तरह डिजिटल मोड में होगी. सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है और इसके लिए मोबाइल एप्लिकेशन, डिजिटल मैप और CMMS पोर्टल की व्यवस्था की जा रही है.
Digital Census 2027: देश में होने वाली जनगणना 2027 के लिए बिहार सरकार ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. शुक्रवार को मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय जनगणना समन्वय समिति (SLCCC) की बैठक आयोजित की गई.
इस बैठक में जनगणना के स्वरूप, चरणवार कार्यक्रम और डिजिटल मोड में संचालन पर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. पहली बार राज्य में यह प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल होगी, जिससे डेटा संग्रहण में पारदर्शिता और सटीकता बढ़ेगी.
दो चरणों में होगी जनगणना
बैठक में तय किया गया कि जनगणना 2027 दो चरणों में आयोजित होगी. पहला चरण हाउस लिस्टिंग और मकानों की गणना का होगा, जो अप्रैल से सितंबर 2026 के बीच 30 दिनों में पूरा किया जाएगा. दूसरा चरण वास्तविक जनगणना का होगा, जो 9 फरवरी से 28 फरवरी 2027 तक चलेगा. मुख्य सचिव ने कहा कि यह एक समयबद्ध कार्यक्रम है, इसलिए सभी विभागों को पूर्व परीक्षण, राजपत्र अधिसूचना और दिशा-निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा.
बैठक में यह भी तय किया गया कि बिहार की 534 ग्रामीण और 263 शहरी प्रशासनिक इकाइयों के क्षेत्राधिकार में जनगणना के दौरान कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. अधिसूचना के अनुसार 31 दिसंबर 2025 से 31 मार्च 2027 तक प्रशासनिक सीमाएं यथावत रहेंगी. इसका मतलब है कि जनगणना पूरी तरह से वर्तमान प्रशासनिक इकाइयों के आधार पर होगी.
पहली बार डिजिटल मोड
जनगणना 2027 का सबसे बड़ा आकर्षण इसका पूरी तरह डिजिटल होना है. इसके लिए सेंसस मैनेजमेंट एंड मॉनिटरिंग सिस्टम (CMMS) पोर्टल, हाउस लिस्टिंग ब्लॉक्स (HLBS) और डिजिटल लेआउट मैप (DLM) तैयार किए जा रहे हैं. प्रगणकों और पर्यवेक्षकों की नियुक्ति, प्रशिक्षण, चार्ज रजिस्टर और पहचान पत्र भी डिजिटल होंगे. इससे न केवल डेटा की सटीकता बढ़ेगी बल्कि कार्यक्षमता में भी सुधार होगा.
पूर्व परीक्षण अक्टूबर-नवंबर 2025 में तीन जिलों – सीतामढ़ी (दुमरा), नवादा (रजौली) और सारण (सोनपुर) – में आयोजित होंगे. यह परीक्षण मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से किया जाएगा और इसमें कुल 448 प्रखंड शामिल होंगे. प्रगणकों और पर्यवेक्षकों की सूची संबंधित जिलाधिकारी 25 सितंबर 2025 तक निदेशालय को उपलब्ध कराएंगे.
महिला प्रगणकों की भागीदारी
पूर्व परीक्षण और वास्तविक जनगणना में 25 से 50 प्रतिशत महिला प्रगणकों का चयन अनिवार्य होगा. इसका उद्देश्य महिलाओं की व्यापक भागीदारी सुनिश्चित करना है ताकि समाज के सभी वर्गों का सही प्रतिनिधित्व हो. यह कदम बिहार में महिला सशक्तिकरण और पारदर्शी प्रशासन की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा.
प्रगणकों और पर्यवेक्षकों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. इसमें उन्हें मोबाइल एप्लिकेशन, डिजिटल लेआउट मैप और CMMS पोर्टल के उपयोग की जानकारी दी जाएगी. साथ ही तकनीकी सहायता के लिए हेल्पलाइन और सपोर्ट टीम भी तैनात की जाएगी. इससे कार्यकुशलता और समय पर डेटा संग्रहण सुनिश्चित होगा.
जनगणना किसी भी देश के विकास की आधारशिला मानी जाती है. यह केवल जनसंख्या के आंकड़े नहीं देती, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, कृषि, शहरीकरण और सामाजिक योजनाओं के निर्माण में भी अहम भूमिका निभाती है. डिजिटल मोड से यह डेटा और भी सटीक और शीघ्र उपलब्ध होगा.
बिहार सरकार की रणनीति
बिहार सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि जनगणना समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से संचालित होगी. डिजिटल प्लेटफॉर्म, CMMS पोर्टल और मोबाइल एप्लिकेशन के उपयोग से कार्य में तेजी आएगी और त्रुटियों की संभावना न्यूनतम होगी. महिला प्रगणकों की भागीदारी से समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व बेहतर होगा.
