Cyber Crime: किसी को CBI बनकर डराया तो किसी को Investment का लालच दिया, बिहार में करोड़ों रुपये की साइबर ठगी
Cyber Crime: भागलपुर में साइबर अपराधियों ने डर और लालच के जरिए दो बड़े ऑनलाइन ठगी के मामलों को अंजाम दिया है. डिजिटल अरेस्ट और निवेश के नाम पर बुजुर्ग व बैंक मैनेजर से 2.30 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी हुई है.
Cyber Crime: बिहार के भागलपुर जिले में साइबर अपराधियों ने दो अलग-अलग मामलों में करोड़ों की ऑनलाइन ठगी को अंजाम देकर पुलिस और आम लोगों की चिंता बढ़ा दी है. ठगों ने एक ओर जहां सीबीआई अधिकारी बनकर बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट किया, वहीं दूसरी ओर निवेश में भारी मुनाफा का लालच देकर एक बैंक मैनेजर को अपने जाल में फंसा लिया. दोनों मामलों में कुल 2 करोड़ 30 लाख रुपये से अधिक की ठगी की गई है.
सीबीआई बनकर बुजुर्ग को डराया, डिजिटल अरेस्ट कर उड़ाए 1.20 करोड़
रेडक्रॉस रोड निवासी नलिन कुमार राय ने 4 दिसंबर को साइबर थाना में मामला दर्ज कराया है. पीड़ित बुजुर्ग के अनुसार, साइबर अपराधी ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताते हुए उनके खाते में गड़बड़ी की बात कही और जांच नहीं कराने पर गंभीर कार्रवाई की धमकी दी. उन्हें डराकर डिजिटल अरेस्ट में रखा गया और लगातार अलग-अलग निर्देश दिए जाते रहे.
ठगों के झांसे में आकर नलिन कुमार राय ने अपने खाते से तीन किस्तों में आरटीजीएस के जरिए रकम ट्रांसफर की. पहली बार 49 लाख 90 हजार, दूसरी बार 49 लाख 50 हजार और तीसरी बार 20 लाख 50 हजार रुपये साइबर अपराधियों के बताए खाते में भेज दिए गए. पैसे ट्रांसफर होते ही ठग से संपर्क टूट गया, जिसके बाद पीड़ित को ठगी का अहसास हुआ.
निवेश के नाम पर बैंक मैनेजर से 1.11 करोड़ की ठगी
दूसरे मामले में कहलगांव निवासी और दूसरे जिले में पदस्थापित बैंक मैनेजर मो. सरफराजउद्दीन साइबर ठगों का शिकार हो गए. उन्होंने साइबर थाना में 1 करोड़ 10 लाख 90 हजार रुपये की ऑनलाइन ठगी का केस दर्ज कराया है. पीड़ित के मुताबिक, ठगों ने उन्हें फर्जी स्टॉक और आईपीओ इन्वेस्टमेंट एप डाउनलोड करवाया.
जास सिंह नामक व्यक्ति ने उन्हें स्कॉट आईपीओ व्हाट्सएप कोर्स के ग्रुप में जोड़ा. कोर्स कॉर्डिनेटर ने खुद को जीना वीरल मेहता बताया. इसके बाद ‘फाइव एलायंस ट्रेनिंग’ नामक ग्रुप के जरिए ट्रेडिंग टिप्स दी जाने लगीं. ग्रुप की जनरल मैनेजर रिया बताई गई, जिसके बारे में दावा किया गया कि वह अमेरिका में रहती है.
मुनाफे के नाम पर ट्रांजैक्शन, फिर टैक्स का झांसा
टिप्स के भरोसे बैंक मैनेजर की पत्नी के खाते से विभिन्न खातों में कई बार रकम ट्रांसफर कराई गई. कुछ समय बाद ठगों ने बताया कि निवेश पर भारी मुनाफा हो चुका है, लेकिन रकम निकालने के लिए विदड्रॉल टैक्स के रूप में 24.40 लाख रुपये जमा करने होंगे. पीड़ित ने यह राशि भी उनके बताए खाते में भेज दी.
पैसे ट्रांसफर होते ही बैंक मैनेजर का अकाउंट फ्रीज कर दिया गया, उन्हें व्हाट्सएप ग्रुप से हटा दिया गया और कॉल उठाना भी बंद कर दिया गया. इसके बाद उन्हें ठगी का एहसास हुआ.
पुलिस जांच में जुटी, लोगों को किया जा रहा सतर्क
दोनों मामलों में साइबर थाना पुलिस ने केस दर्ज कर तकनीकी जांच शुरू कर दी है. बैंक खातों, मोबाइल नंबरों और डिजिटल ट्रांजैक्शन की जांच की जा रही है. पुलिस ने लोगों से अपील की है कि किसी भी सरकारी एजेंसी के नाम पर आने वाले कॉल, डिजिटल अरेस्ट, निवेश में ज्यादा मुनाफे और टैक्स के नाम पर मांगी जाने वाली रकम से सतर्क रहें और तुरंत पुलिस को सूचना दें.
