Corona Effect : घर में रहने लगे, तो बढ़ गये सास-बहू के झगड़े, हत्या, लूट, डकैती और दुष्कर्म जैसे मामलों में आयी गिरावट

राजधानी में लॉकडाउन के बाद अपराध का ग्राफ तेजी से नीचे आ गया है. जघन्य अपराध की श्रेणी में आने वाले मामले बिल्कुल ही थम गये हैं. हत्या, लूट, डकैती व रेप जैसे मामले अब नहीं आ रहे हैं. पिछले एक हफ्ते की बात की जाये, तो थानों में प्राथमिकी नहीं हो रही है.

By Pritish Sahay | March 30, 2020 5:00 AM

पटना : राजधानी में लॉकडाउन के बाद अपराध का ग्राफ तेजी से नीचे आ गया है. जघन्य अपराध की श्रेणी में आने वाले मामले बिल्कुल ही थम गये हैं. हत्या, लूट, डकैती व रेप जैसे मामले अब नहीं आ रहे हैं. पिछले एक हफ्ते की बात की जाये, तो थानों में प्राथमिकी नहीं हो रही है. लॉकडाउन के बाद पीरबहोर में दो, कंकड़बाग में तीन, राजीव नगर में चार, दीघा में दो व जक्कनपुर में दो मामले दर्ज किये गये हैं.

शास्त्री नगर में भी रेप का मामला जरूर दर्ज किया गया है. लेकिन, राजधानी में हर दूसरे दिन होने वाली हत्या व लूट की घटनाएं बिल्कुल ही थम गयी हैं. जो मामले लॉकडाउन में दर्ज किये गये हैं उसमें चोरी के मामले शामिल हैं. थानों की हालत यह है कि थानेदार राजधानी में मौजूद मजदूरों को भोजन, राशन व रहने की व्यवस्था कराने में लगे हुए हैं. कुछ थानेदारों का कहना है कि अभी फरार चल रहे छोटे-मोटे अपराधियों की गिरफ्तारी पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. बल्कि, शहर में फंसे हुए मजदूरों को सहायता देने का काम किया जा रहा है.

हालांकि, लोग एफआइआर दर्ज नहीं करवाते हैं. लेकिन, फोन आता है और पुलिस मौके पर जाती है. राजीव नगर के थानेदार निशांत सिंह का कहना है कि घरेलू विवाद को लेकर फोन आने पर जब पुलिस जाती है, तो लोग घर का विवाद बताते हैं. लेकिन, एफआइआर दर्ज कराने के मामले सामने नहीं आते. पुलिस का कहना है कि लगातार घरों में रहने की वजह से छोटे-छोटे विवाद अब मुद्दा बनने लगे हैं. हालांकि, घरेलू विवाद का कोई ऐसा बड़ा मामला सामने नहीं आया है. जिसमें हत्या हुई हो, फिलहाल पुलिस इन छोटे-छोटे मामलों को अटेंड कर रही है और लोगों को समझा-बुझाकर मामला शांत कर रही है.

Next Article

Exit mobile version