Bihar Politics: चिराग पासवान का बड़ा ऐलान, करेंगे बहुजन भीम समागम, नालंदा से आगाज
Bihar Politics: बिहार में होने वाले आगामी चुनावों को देखते हुए एनडीए, महागठबंधन और अन्य दल दलित समाज को साधने की रणनीति में जुट गए हैं. चाहे वह अंबेडकर जयंती पर कार्यक्रम हों या जातीय जनगणना का समर्थन, सभी दल इस वर्ग को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रहे हैं.
Bihar Politics: बिहार की राजनीति में दलित वोट बैंक हमेशा से अहम भूमिका निभाता रहा है. राज्य की करीब 19% आबादी दलित समुदाय से आती है, जिससे यह वर्ग चुनावी समीकरणों में निर्णायक माना जाता है. इस साल होने वाले चुनाव को देखते हुए एनडीए और महागठबंधन सहित सभी राजनीतिक दल इस वर्ग को साधने की कोशिश में जुटे हुए हैं. हाल ही में 14 अप्रैल को बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के मौके पर पटना में जदयू और भाजपा ने बड़े कार्यक्रम आयोजित किया.
अरुण भारती क्या बोले
एनडीए की एक और सहयोगी पार्टी लोजपा (रा) ने भी दलितों को जोड़ने के लिए अभियान शुरू किया है. पार्टी के जमुई से सांसद अरुण भारती ने बहुजन भीम समागम की शुरुआत का ऐलान किया है. इसकी शुरुआत 18 मई को नालंदा के बिहारशरीफ से होगी. इसके बाद इसे बिहार के अन्य जिलों में भी आयोजित किया जाएगा.
अरुण भारती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि यह कार्यक्रम दलितों को एकजुट करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा. उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा की गई जातीय जनगणना के फैसले का भी स्वागत किया और कहा कि इससे समाज में समरसता बढ़ेगी.
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विपक्षी गठबंधन की काट तलाशने में जुटा एनडीए
विपक्षी महागठबंधन भी दलित समाज में पैठ बनाने में जुटी है. कुछ महीने पहले ही बिहार कांग्रेस ने दलित समुदाय से आने वाले कुटुंबा के विधायक राजेश राम को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है. इसके अलावा हाल ही में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पासी समाज के ताड़ी व्यवसायियों के एक बड़े कार्यक्रम में हिस्सा लिया था. यहां तेजस्वी यादव ने वादा किया कि अगर महागठबंधन की सरकार बनी तो शराबबंदी के नियमों से ताड़ी को अलग कर उद्योग का दर्जा दिया जाएगा.
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