जम्मू से आज बिहार आएगा शहीद इम्तियाज का पार्थिव शरीर, पुलिस सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार

India-Pakistan Ceasefire: भारत-पाकिस्तान सीमा पर तैनात बीएसएफ के सब-इंस्पेक्टर शहीद इम्तियाज का पार्थिव शरीर आज सोमवार को बिहार स्थित उनके पैतृक गांव आएगा. पुलिस सम्मान के साथ उन्हें विदाई दी जाएगी.

By ThakurShaktilochan Sandilya | May 12, 2025 6:34 AM

सीजफायर के तीन घंटे बाद ही शनिवार की देर शाम पाकिस्तान की तरफ से हुई गोलीबारी में बिहार के छपरा निवासी बीएसएफ के सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज शहीद हो गए. उनके पार्थिव शरीर को लाने के लिए बिहार से परिजन जम्मू पहुंचे. सोमवार को उनका पार्थिव शरीर छपरा के नारायणपुर गांव स्थित उनके पैतृक आवास पहुंचेगा. सीएम नीतीश कुमार ने मो. इम्तियाज के शहीद होने पर शोक संवेदना व्यक्त की.

जम्मू में उपराज्यपाल और उपमुख्यमंत्री ने दी श्रद्धांजलि

जम्मू में डयूटी के दौरान शहीद हुए बीएसएफ के सब इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज के पार्थिव शरीर को बिहार लाया जा रहा है. जम्मू में उनके पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटकर लाया गया. जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी.

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साथियों को बचाते हुए दी कुर्बानी, आज गांव आएगा पार्थिव शरीर

सब इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज जम्मू जिले के आरएस पुरा सेक्टर में डयूटी के दौरान शनिवार देर शाम गोलीबारी मे शहीद हुए थे. अपने साथियों को बचाते हुए उन्होंने अपनी कुर्बानी दे दी थी. सोमवार की सुबह उनका पार्थिव शरीर पैतृक आवास पर पहुंचेगा.

सीएम नीतीश ने जताया शोक

सीएम नीतीश ने कुमार ने शहादत पर शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी शहादत को देश सदैव याद रखेगा. सीएम ने कहा कि शहीद इम्तियाज के निकटतम आश्रित को राज्य सरकार की ओर से अनुमान्य सम्मान राशि दी जाएगी. साथ ही शहीद इम्तियाज का राज्य सरकार की ओर से पुलिस सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा.

बीमार पत्नी को शुरू में नहीं दी गयी जानकारी

इधर, मो. इम्तियाज के बलिदान पर एकतरफ जहां उनके गांव के लोगों में गर्व है तो दूसरी तरफ उनकी शहादत पर मायूसी भी छायी हुई है. इम्तियाज के एक और भाई बीएसएफ में हैं. शहीद की पत्नी का हाल में ही ऑपरेशन हुआ था. उनसे शहादत की खबर शुरू में छिपा ली गयी. मो. इम्तियाज का बेटा पिता के पार्थिव शरीर को लेने जम्मू पहुंचा था.

मिलनसार थे मो. इम्तियाज, ईद में आए थे गांव

मो. इम्तियाज ईद में अपने गांव आए थे. ग्रामीण बताते हैं कि वो बेहद मिलनसार इंसान थे. सुबह मॉर्निंग वॉक करने निकलते तो गांव के लोगों से मिलते-जुलते थे. उन्हें खोने का गम पूरे गांव को है.