Nitin Nabin: नितिन नबीन को करना होगा इन 5 बड़ी चुनौतियों से डील, राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनते ही बढ़ी जिम्मेदारी

Nitin Nabin: मंत्री नितिन नबीन को बीजेपी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है. जिसके बाद से बधाइयों का तांता लगा है. इस बीच नितिन नबीन को यह बड़ी जिम्मेदारी मिलते ही 5 बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा.

By Preeti Dayal | December 15, 2025 2:19 PM

Nitin Nabin: बीजेपी ने बिहार सरकार में मंत्री नितिन नबीन को पार्टी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है. भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने बताया कि भाजपा के संसदीय बोर्ड ने बिहार सरकार में मंत्री नितिन नबीन को तत्काल प्रभाव से भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है. इसके बाद संभावना यह जताई जा रही है कि नितिन नबीन भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के उत्तराधिकारी बन सकते हैं.

नितिन नबीन को इन 5 चुनौतियों का करना होगा सामना

राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनने के बाद नितिन नबीन को मुख्य रूप से इन 5 चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है.

  • 2026 में असम और 2029 का लोकसभा चुनाव नेतृत्व की पहली बड़ी कसौटी होगी.
  • बिहार एनडीए को मजबूत रखने के साथ राष्ट्रीय स्तर पर आरएसएस और भाजपा के बीच समन्वय बनाना.
  • अलग-अलग राज्यों में गुटबाजी और वैचारिक संतुलन को साधते हुए संगठन को एकजुट रखना.
  • पूर्वोतर से लेकर दक्षिण भारत तक संगठन का संतुलित विस्तार बड़ी चुनौती होगी.
  • भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के बीच समन्वय बनाये रखते हुए स्वतंत्र नेतृत्व स्थापित करना.

जेपी नड्डा कार्यकाल कर चुके हैं पूरा

दरअसल, जेपी नड्डा को जनवरी 2020 में भाजपा अध्यक्ष नियुक्त किया गया था और वह अपना पूरा कार्यकाल पूरा कर चुके हैं. जेपी नड्डा को 2024 के लोकसभा चुनावों तक पार्टी का नेतृत्व करने के लिए कार्यकाल विस्तार दिया गया था. ऐसे में नितिन नबीन के भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के उत्तराधिकारी बनने की संभावना है.

5वीं बार विधायक बने नितिन नबीन

45 वर्षीय नितिन नबीन पटना जिले के बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र से 5वीं बार विधायक चुने गये हैं. अभी वह पथ निर्माण और नगर विकास एवं आवास मंत्री हैं. वह भाजपा के दिग्गज नेता और पिता नवीन किशोर सिन्हा के निधन के बाद हुए उपचुनाव में 26 साल की उम्र में 2006 में विधायक चुने गये थे. 2020 के विधानसभा चुनाव में 84 हजार वोटों से जीत हासिल की थी. उन्होंने शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे लव सिन्हा को भारी अंतर से हराया था. 9 फरवरी 2021 को नीतीश सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में उन्हें पहली बार पथ निर्माण मंत्री बनने का मौका मिला था. इसके बाद वह लगातार कैबिनेट का हिस्सा हैं.

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