बिहार में 1 लाख से ज्यादा गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन अटका, ऑनर कार्ड के इंतजार में मालिक परेशान

Bihar: बिहार में गाड़ी खरीदने के बाद रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया धीमी और जटिल हो गई है. राज्य में 1.23 लाख से ज्यादा वाहन बिना रजिस्ट्रेशन के फंसे हैं. दस्तावेजों की गलत अपलोडिंग और विभागीय लापरवाही से वाहन मालिक परेशान हैं और चक्कर काट रहे हैं.

By Anshuman Parashar | May 27, 2025 12:36 PM

Bihar: बिहार में नई गाड़ी खरीदने के बाद उसका रजिस्ट्रेशन कराना लोगों के लिए सिरदर्द बन गया है. एक ओर जहां वाहन की चाबी हाथ में आती है, वहीं दूसरी ओर रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट और ऑनर कार्ड पाने के लिए लोगों को महीनों तक विभागीय दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. पूरे राज्य में फिलहाल 1 लाख 23 हजार से ज्यादा गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन लंबित है. अकेले पटना में ही यह संख्या 13 हजार पार कर चुकी है.

फाइलें अटकीं, नंबर प्लेट रुकी, ऑनर कार्ड लटका

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि बिहार में वाहन पोर्टल पर जरूरी दस्तावेज अपलोड करने में भारी लापरवाही हो रही है. टैक्स रसीद से लेकर मालिकाना हक का प्रमाण पत्र तक, सबकुछ समय पर अपलोड नहीं हो रहा. इस वजह से सत्यापन प्रक्रिया बीच में अटक जा रही है और लोग हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट और ऑनर कार्ड के लिए तरस रहे हैं.

बीमा, चालान और लोन भी हो रहे प्रभावित

रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट में देरी का असर सिर्फ कागज़ों तक सीमित नहीं है. इसका सीधा प्रभाव वाहन के बीमा क्लेम, चालान निपटारे और फाइनेंस की प्रक्रिया पर पड़ रहा है. कई गाड़ी मालिकों को फाइनेंसर की ओर से नोटिस तक मिल चुके हैं, क्योंकि रजिस्ट्रेशन पूरा न होने से कागजी प्रक्रिया अधूरी पड़ी है.

DTO कार्यालयों में धीमी रफ्तार, सिस्टम बना बोझ

परिवहन विभाग के क्षेत्रीय कार्यालयों (DTO) में भी हालात सुधरने के नाम पर शून्य हैं. पोर्टल आधारित सिस्टम की धीमी प्रक्रिया और कर्मचारियों की लापरवाही के कारण हजारों वाहन मालिक हफ्तों से दस्तावेज लेकर ऑफिसों के चक्कर काट रहे हैं. इसके बावजूद उन्हें कोई ठोस समाधान नहीं मिल रहा.

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लोग बोले – ‘गाड़ी तो खरीदी, अब क्या करें?’

पटना के एक वाहन मालिक राकेश कुमार कहते हैं, “दो महीने हो गए गाड़ी खरीदे, लेकिन अब तक ऑनर कार्ड नहीं मिला. पोर्टल पर हर बार कोई न कोई दिक्कत आती है. विभाग में कोई सुनवाई नहीं हो रही।” ऐसा ही हाल राज्य के अन्य जिलों में भी है.