Bihar Traffic Reform: पटना जंक्शन के बाहर बनेगा! ट्रैफिक कमांड सेंटर, बिहार को मिलेगा पहला ट्रैफिक ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट
Bihar Traffic Reform: बिहार की ट्रैफिक व्यवस्था अब पूरी तरह से बदलने वाली है. उपमुख्यमंत्री सह गृह मंत्री सम्राट चौधरी ने पटना जंक्शन पर एक हाई-टेक कमांड एंड कंट्रोल सेंटर बनाने का आदेश दिया है. इसके साथ ही, राज्य को दिल्ली और मुंबई की तर्ज पर पहला ट्रैफिक ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट मिलने जा रहा है.
Bihar Traffic Reform: पटना जंक्शन के आसपास का जाम हमेशा से राजधानी की सबसे बड़ी समस्या रहा है. अब पटना ट्रैफिक सिस्टम में ऐसा बदलाव होने जा रहा है, जो शहर की तस्वीर ही बदल सकता है. पहली बार जंक्शन के बाहर ट्रैफिक कंट्रोल सेंटर बनेगा और बिहार को मिलेगा अपना पहला ट्रैफिक ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, वो भी मुंबई और दिल्ली मॉडल पर.
पटना के ट्रैफिक सुधार की सबसे बड़ी घोषणा
राजधानी पटना के ट्रैफिक को दुरुस्त करने के लिए सोमवार का दिन बेहद अहम रहा. पुलिस मुख्यालय में उपमुख्यमंत्री सह गृह मंत्री सम्राट चौधरी की अगुवाई में हुई उच्चस्तरीय बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए. सबसे बड़ा फैसला था. पटना जंक्शन के बाहर ट्रैफिक कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की स्थापना.
यही नहीं, बिहार में पहली बार एक आधुनिक ट्रैफिक ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट बनाने की भी मंजूरी दी गई, जो सिपाही से लेकर अफसर तक सभी को यातायात प्रबंधन की प्रोफेशनल ट्रेनिंग देगा. यह संस्थान बिल्कुल मुंबई और दिल्ली के हाई-टेक मॉडल पर बनाया जाएगा.
कैसा होगा बिहार का पहला ट्रैफिक ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट?
ट्रैफिक ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट को लेकर पुलिस विभाग ने विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर लिया है. एडीजी ट्रैफिक सुधांशु कुमार के अनुसार, इसे पटना या उसके आसपास कहीं विकसित किया जाएगा. भूमि चयन की प्रक्रिया जारी है. इस संस्थान में एक सप्ताह से लेकर छह महीने तक की ट्रेनिंग दी जाएगी. ट्रेनिंग के प्रकार के अनुसार इसे बेसिक कोर्स, रिफ्रेशर कोर्स और स्पेशल कोर्स में बांटा जाएगा. इसके लिए देश-विदेश के ट्रैफिक एक्सपर्ट्स को भी बुलाया जाएगा.
यह इंस्टीट्यूट केवल परीक्षा और कक्षाओं तक सीमित नहीं होगा, बल्कि इंडोर और आउटडोर दोनों तरह की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग दी जाएगी. जवानों को वीआईपी कारकेड की रिहर्सल से लेकर भीड़भाड़ वाले आयोजनों, त्योहारों, मेलों और रैलियों में ट्रैफिक नियंत्रण के तरीके सिखाए जाएंगे.
बिहार के रास्तों का बनेगा ‘ट्रैफिक मॉड्यूल’
इस ट्रेनिंग सेंटर की सबसे बड़ी खासियत यह होगी कि राजधानी पटना सहित पूरे बिहार के प्रमुख मार्गों का विस्तृत ट्रैफिक मॉड्यूल तैयार किया जाएगा. उदाहरण के तौर पर पटना जंक्शन से दानापुर तक की पूरी रूट मैपिंग. कहां मोड़ है, कहां फ्लाईओवर है, किस गोलंबर पर ट्रैफिक रुकता है सब कुछ ट्रेनिंग के पाठ्यक्रम का हिस्सा होगा.
जवानों को जमीनी हकीकत के आधार पर प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे ट्रैफिक पुलिस वास्तविक परिस्थितियों में और अधिक प्रभावी तरीके से काम कर सके.
राज्यभर में सीसीटीवी और अवैध पार्किंग पर सख्ती
गृह मंत्री ने निर्देश दिया कि पंचायतों और शहरी निकायों के सभी एंट्री और एग्जिट प्वाइंट्स पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं. ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई और अवैध पार्किंग हटाने के लिए प्राइवेट क्रेन लगाने का आदेश भी दिया गया है.
पटना जंक्शन के बाहर अक्सर बनने वाली अव्यवस्था और गलत पार्किंग को रोकने के लिए ट्रैफिक कंट्रोल सेंटर बड़ी भूमिका निभाएगा.
जागरूकता अभियान और बेहतर ट्रैफिक प्रबंधन पर फोकस
बैठक में स्कूलों, कॉलेजों, पंचायतों और शहरी क्षेत्रों में ट्रैफिक नियमों के प्रति बड़े स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने का भी निर्णय लिया गया. गृह मंत्री ने स्पष्ट कहा कि बिहार की ट्रैफिक व्यवस्था को आधुनिक करना समय की मांग है और इसके लिए हर स्तर पर सुधार जरूरी है.
पटना जंक्शन के बाहर बनने वाला ट्रैफिक कमांड एंड कंट्रोल सेंटर राजधानी की भीड़भाड़ को कम करेगा और ट्रैफिक पुलिस की कार्यक्षमता को कई गुना बढ़ाएगा. साथ ही, प्रस्तावित ट्रैफिक ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट पूरे बिहार की यातायात व्यवस्था को एक नए स्तर पर ले जाएगा.
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