Bihar Tourism: खुशखबरी, बख्तियारपुर के सीढ़ी घाट पर शुरू होगी बनारस जैसी महाआरती, LIVE देखने की भी सुविधा
Bihar Tourism: अब गंगा आरती के लिए बनारस जाना जरूरी नहीं. हर बुधवार बख्तियारपुर के सीढ़ी घाट पर वही दिव्यता, वही मंत्रोच्चार और वही आलौकिक अनुभव मिलेगा.
Bihar Tourism: बिहार में धार्मिक पर्यटन को नई पहचान देने की दिशा में एक अहम कदम उठाया गया है. बनारस और पटना के एनआईटी घाट की तर्ज पर अब बख्तियारपुर के सीढ़ी घाट पर भी गंगा महाआरती का आयोजन किया जाएगा.
बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम ने निर्णय लिया है कि प्रत्येक बुधवार को यहां भव्य गंगा महाआरती होगी, जिसका लाइव टेलीकास्ट भी कराया जाएगा. इसका उद्देश्य श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक अनुभव देने के साथ-साथ बख्तियारपुर को धार्मिक पर्यटन के प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित करना है.
सीढ़ी घाट पर दिखेगी काशी जैसी भव्यता
पर्यटन निगम ने सीढ़ी घाट को विशेष रूप से सजाने की तैयारी शुरू कर दी है. घाट पर रोशनी, फूलों और पारंपरिक सजावट के साथ माहौल को आध्यात्मिक रंग दिया जाएगा. उच्च गुणवत्ता वाले साउंड सिस्टम लगाए जाएंगे ताकि मंत्रोच्चार और आरती की ध्वनि दूर तक स्पष्ट रूप से पहुंचे.
कार्यक्रम के दौरान बिजली आपूर्ति बाधित न हो, इसके लिए साइलेंट जेनरेटर की भी व्यवस्था की जाएगी, जिससे श्रद्धालुओं का अनुभव निर्बाध बना रहे.
घर बैठे देख सकेंगे गंगा आरती
इस आयोजन की एक खास बात यह है कि जो श्रद्धालु घाट तक नहीं पहुंच पाएंगे, वे भी गंगा महाआरती का लाइव टेलीकास्ट देख सकेंगे. पर्यटन निगम का मानना है कि इससे न केवल श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ेगी, बल्कि बख्तियारपुर की पहचान राज्य और देशभर में बनेगी. डिजिटल माध्यम से आरती के प्रसारण की व्यवस्था को लेकर निगम पूरी गंभीरता से काम कर रहा है.
पुरोहितों और सहायकों की विशेष टीम
गंगा महाआरती के सफल संचालन के लिए एक अनुभवी मुख्य पुरोहित के साथ चार सहायक पुरोहित तैनात रहेंगे. इनके सहयोग के लिए पांच हेल्पर्स की टीम भी मौजूद रहेगी. पूजन सामग्री, प्रसाद वितरण और श्रद्धालुओं के बैठने के लिए दरी और चौकी की समुचित व्यवस्था की जिम्मेदारी चयनित एजेंसी को दी जाएगी.
एजेंसी का चयन निविदा प्रक्रिया के तहत किया जाएगा और उसे एक वर्ष के लिए यह जिम्मेदारी सौंपी जाएगी.
धार्मिक पर्यटन के साथ रोजगार को बढ़ावा
बख्तियारपुर में गंगा महाआरती की शुरुआत से धार्मिक पर्यटन को नया आयाम मिलने की उम्मीद है. श्रद्धालुओं की बढ़ती आवाजाही से स्थानीय बाजारों में रौनक आएगी और छोटे व्यवसायों को फायदा मिलेगा.
फूल, पूजन सामग्री, प्रसाद, परिवहन और अन्य सेवाओं से जुड़े लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे. पर्यटन निगम का मानना है कि यह पहल स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएगी.
बिहार पर्यटन की नई पहचान
बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम के अनुसार, सीढ़ी घाट को धार्मिक पर्यटन के केंद्र के रूप में विकसित करना दीर्घकालिक योजना का हिस्सा है. नियमित गंगा महाआरती के जरिए बख्तियारपुर को राज्य के प्रमुख आध्यात्मिक स्थलों की सूची में शामिल किया जाएगा. इससे न सिर्फ श्रद्धालुओं का जुड़ाव बढ़ेगा, बल्कि बिहार की सांस्कृतिक और धार्मिक छवि भी मजबूत होगी.
