Bihar Teacher: अधिकारियों से पहले मिलेगी अब शिक्षकों को सैलरी, एसीएस सिद्धार्थ का बड़ा फैसला
Bihar Teacher: बिहार शिक्षा विभाग के एसीएस एस सिद्धार्थ ने कहा कि अब से शिक्षकों को सबसे पहले सैलरी का भुगतान किया जाएगा. इसके बाद अन्य कर्मियों और पदाधिकारियों का वेतन आएगा.
Bihar Teacher: पटना. बिहार के सरकारी स्कूलों में तैनात शिक्षकों की सैलरी में अब देरी नहीं होगी. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने इस विषय को गंभीरता से लेते हुए अफसरों को सख्त चेतावनी दी है. एसीएस ने कहा कि अब से शिक्षा विभाग में सबसे पहले बीपीएससी से चयनित और सक्षमता परीक्षा पास शिक्षकों को वेतन का भुगतान किया जाएगा. इसके बाद अन्य कर्मचारियों और पदाधिकारियों को सैलरी मिलेगी. उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षकों के लंबित वेतन और एरियर समेत अन्य भुगतान को भी जल्द ही जारी कर दिया जाएगा.
वेतन पर शिक्षकों का पहला हक
एसीएस एस सिद्धार्थ ने ‘शिक्षा की बात : हर शनिवार’ कार्यक्रम में शिक्षकों को देरी से सैलरी मिलने पर नाराजगी जताई. उन्होंने न्हों कहा कि इस बार शिक्षा विभाग इस मुद्दे पर गंभीर है. उन्होंने न्हों विभाग के पदाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सबसे पहले शिक्षकों को वेतन का भुगतान किया जाएगा, क्योंकि इसपर पहला अधिकार उनका ही बनता है. एसीएस ने अपने विभाग के अफसरों को खुली चेतावनी देते हुए कहा कि अगर टीचर की सैलरी और लंबित भुगतान को लेकर कोई भी लापरवाही बरती गई तो, कार्रवाई की जाएगी. एसीएस एस सिद्धार्थ ने बताया कि अगले सप्ताह बीपीएससी टीआरई 2 और 3 से चयनित महिला टीचर का ट्रांसफर किया जाएगा. दूरी के आधार पर शिक्षिकाओं के स्थानांतरण के आवेदनों पर विचार करते हुए विभाग द्वारा लिस्ट निकाली जाएगी.
शिक्षक ने एसीएस को लिखा पत्र
बीपीएससी टीआरई-1 के तहत चयनित एक शिक्षक ने एस सिद्धार्थ को पत्र लिखकर टीचर से जुड़ी कई समस्याओं को उनके सामने रखा. कार्यक्रम में एसीएस ने यह पत्र पढ़वाया. पत्र लिखने वाले शिक्षक ने एसीएस से कहा कि विभाग द्वारा जिलों को समय से वेतन और एरियर की राशि भेज दी जाती है, इसके बावजूद शिक्षकों को समय से भुगतान नहीं हो पाता है. टीचर ने सवाल उठाया कि शिक्षकों के वेतन की निगरानी ई शिक्षा कोष से क्यों नहीं की जा रही है. विभागीय आदेश के बावजूद शिक्षकों को सैलरी नहीं देने पर डीईओ और डीपीओ को सस्पेंड क्यों नहीं किया जाता है.
शिक्षकों के साथ होता है दुर्व्यवहार
पत्र में लिखा गया कि डीईओ, डीपीओ और उनके कार्यालयों के क्लर्क शिक्षकों को अपमानित करते हैं. शिक्षक जब मेडिकल लीव, मातृत्व अवकाश, सैलरी भुगतान से जुड़ी समस्या लेकर उनके कार्यालय में जाते हैं, तो उनसे दुर्व्यवहार किया जाता है. शिक्षकों से इन कामों के लिए ‘चढ़ावा’ यानी घूस मांगी जाती है. उन्हें तू कहकर संबोधित किया जाता है और घंटों इंतजार कराया जाता है. इस पर एसीएस एस सिद्धार्थ ने कहा कि ई शिक्षा कोष पोर्टल के तहत ऐसी शिकायतें मिलती हैं. विभाग द्वारा उन पर उचित कार्रवाई की जाती है.
