Bihar Super Highway Project: बिहार में बनेगा 118 किलोमीटर का सुपर हाईवे, जमुई और बांका को मिलेगा विकास का बड़ा तोहफा
Bihar Super Highway Project: सड़क नहीं, संकल्प का प्रतीक—अब बिहार-झारखंड की कनेक्टिविटी होगी सुपर हाईवे से नई ऊंचाई पर.
Bihar Super Highway Project: बिहार के जमुई और बांका जिले अब जल्द ही आधुनिक सुपर हाईवे की सौगात पाने वाले हैं. राष्ट्रीय राजमार्ग NH-333A के 118 किलोमीटर लंबे हिस्से को अपग्रेड कर सुपर हाईवे बनाया जाएगा.
यह परियोजना न केवल सड़क संपर्क को मजबूत करेगी, बल्कि स्थानीय व्यापार, पर्यटन और रोज़गार के नए अवसर भी खोलेगी. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इस योजना के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. उम्मीद है कि 2026 के अंत तक निर्माण कार्य शुरू होगा और 2028 तक सुपर हाईवे तैयार हो जाएगा.
लंबे समय से मांग पूरी होने जा रही है
स्थानीय लोग लंबे समय से NH-333A के नारायणा-सोनो-झाझा-सिमुलतला-कटोरिया मार्ग को अपग्रेड करने की मांग कर रहे थे. यह मार्ग वर्तमान में यातायात और सुरक्षा दोनों के लिहाज से चुनौतियों भरा है. अब इस 118 किलोमीटर हिस्से को आधुनिक दो-लेन सुपर हाईवे में बदलने का निर्णय लिया गया है. कटोरिया से पंजवारा तक 56 किलोमीटर लंबा हिस्सा पहले ही अपग्रेड के दायरे में शामिल है और इसे पक्की सड़क और सोल्डर के साथ तैयार किया जाएगा.
डिजाइन और योजना की झलक
केंद्रीय मंत्रालय ने इस प्रोजेक्ट के लिए कंसल्टेंसी चयन प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस साल के अंत तक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार होने की उम्मीद है. परियोजना के पूरा होने पर न केवल सड़क का निर्माण मजबूत और सुरक्षित होगा, बल्कि यात्रा का समय भी कम होगा. यह मार्ग नारायणा से शुरू होकर सोनो, झाझा, सिमुलतला और कटोरिया तक जाएगा.
पहले भी इस राजमार्ग का 72 किलोमीटर हिस्सा तैयार हो चुका है. अब बचे हुए 62 किलोमीटर हिस्से पर तेजी से काम किया जाएगा. सड़क अपग्रेड होने के बाद क्षेत्र में आवागमन सुगम होगा, स्कूल, कॉलेज, अस्पताल और बाजार तक पहुंच आसान होगी और स्थानीय लोगों की दैनिक जिंदगी में सुधार आएगा.
आर्थिक विकास और रोजगार के नए अवसर
इस सुपर हाईवे परियोजना का प्रभाव सिर्फ सड़क तक सीमित नहीं रहेगा. स्थानीय लोग मानते हैं कि इससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे. निर्माण कार्य में श्रमिक, इंजीनियर और तकनीकी स्टाफ लगेगा. साथ ही बेहतर सड़क नेटवर्क से व्यापार और लॉजिस्टिक्स की गति बढ़ेगी.
परियोजना पूरी होने पर बिहार और झारखंड के बीच सड़क संपर्क मजबूत होगा. व्यापारी और यात्री आसानी से इस मार्ग का इस्तेमाल कर सकेंगे. सुपर हाईवे क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों को शहरी केंद्रों से जोड़ेगा, जिससे आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी और विकास की नई संभावनाएं खुलेंगी.
सुरक्षा और यातायात का नया मापदंड
NH-333A के अपग्रेड होने से सड़क सुरक्षा भी बढ़ेगी. पुरानी सड़क पर दुर्घटनाओं की संख्या अधिक थी. नए सुपर हाईवे पर बेहतर सिग्नलिंग, लेन मार्किंग और यातायात प्रबंधन होगा. इस कदम से यात्रा का समय कम होने के साथ-साथ दुर्घटना का जोखिम भी घटेगा.
स्थानीय प्रशासन और सड़क परिवहन विभाग दोनों इस परियोजना की मॉनिटरिंग करेंगे. सड़क निर्माण के दौरान ट्रैफिक डायवर्शन और नागरिक सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाएगा.
केंद्रीय मंत्रालय का लक्ष्य है कि 2026 के अंत तक निर्माण कार्य शुरू हो और 2028 तक यह परियोजना पूरी हो जाए. यह सिर्फ सड़क निर्माण नहीं, बल्कि राज्य के दो जिलों के लिए विकास और कनेक्टिविटी की नींव भी है.
स्थानीय लोग इसे विकास की बड़ी पहल मानते हैं. यह सुपर हाईवे न केवल यात्रा को आसान बनाएगा, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार और पर्यटन क्षेत्र में भी नई संभावनाएं खोलेगा.
