मतदाता सूची निर्माण में बिहार ने कायम की मिसाल, एक भी अपील दायर नहीं हुई

बिहार में विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (एसएसआर 2025) के तहत वोटरलिस्ट के अपडेशन में बिहार ने मिसाल कायम की है.

By RAKESH RANJAN | April 22, 2025 1:06 AM

219541 बूथ लेवल कर्मियों को जोड़ा गया वोटर लिस्ट निर्माण से

संवाददाता,पटना

बिहार में विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (एसएसआर 2025) के तहत वोटरलिस्ट के अपडेशन में बिहार ने मिसाल कायम की है. मतदाता सूची के अद्यतीकरण के बाद राज्य भर से किसी एक भी मतदाता की ओर से अपील दाखिल नहीं की गयी है. राज्य में 7.81 करोड़ से अधिक मतदाताओं की सूची में शामिल किया गया है. इसमें से किसी के नाम जोड़ने, हटाने या संशोधन को लेकर अब तक कोई शिकायत सामने नहीं आयी है. यह स्थिति भारत निर्वाचन आयोग की निगरानी में चली प्रक्रिया की पारदर्शिता और व्यवस्थित संचालन के तहत संपन्न हुई.

मतदाता सूची तैयारी को लेकर बिहार में यह कार्य जिला निर्वाचन पदाधिकारी (डीइओ) और निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण पदाधिकारी (इआरओ) की देखरेख में किया गया. वोटरलिस्ट तैयारी में राज्य भर में 77,392 बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) और राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त 1,42,149 बूथ लेवल एजेंट्स (बीएलए) ने सूची अद्यतन प्रक्रिया में भागीदारी निभायी. भारत निर्वाचन आयोग ने हर वोटर को मतदाता सूची में गड़बड़ी मिलने पर उसको आरपी अधिनियम 1950 की धारा के तहत जिला निर्वाचन पदाधिकारी (डीइओ) के समक्ष प्रथम अपील और धारा 24(ख) के तहत मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के समक्ष द्वितीय अपील का अधिकार दिया गया है. मतदाताओं को मिले अधिकार के बावजूद इसके, एसएसआर 2025 के दौरान किसी भी प्रकार की अपील सामने नहीं आयी. भारत निर्वाचन आयोग ने माना है कि राज्य में मतदाता सूची प्रक्रिया में कोई प्रणालीगत समस्या नहीं रही. भारत निर्वाचन आयोग ने अन्य राज्यों से प्राप्त अपीलों का उल्लेख करते हुए बिहार की स्थिति को ‘उल्लेखनीय’ बताया है. हालांकि, आयोग ने यह भी स्वीकार किया कि मतदाताओं और राजनीतिक दलों के बीच अधिकारों और प्रक्रियाओं की जानकारी को लेकर जागरूकता की कमी हो सकती है. इस समस्या के समाधान के लिए आयोग ने राजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजेंट्स को प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया है. इससे वे भविष्य में मतदाता सूची सुधार प्रक्रिया में अधिक सक्रिय और सक्षम भूमिका निभा सकें. बिहार में एसएसआर 2025 की प्रक्रिया बिना किसी अपील के सम्पन्न होना प्रशासनिक उपलब्धि है.

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