Bihar Politics लालू यादव का शासनकाल ‘जंगलराज’ नहीं, गरीबों के लिए ‘मंगलराज’ था, पढ़िए मुकेश सहनी ने ऐसा क्यों कहा?
Bihar Politics मुकेश सहनी ने कहा कि लालू के राज में ही गरीबों को कुर्सी पर बैठने का मौका मिला. जो हमलोगों पर राज करता था, जब उन्हें तकलीफ हुई, तब उसने उस दौर को जंगलराज का नाम दे दिया, जबकि गरीबों के लिए वह मंगलराज था.
Bihar Politics विकासशील इंसान पार्टी के संस्थापक मुकेश सहनी ने कहा कि लालू यादव का शासनकाल सही मायने में गरीबों के लिए मंगलराज था. यही वह शासन काल था जब गरीब जमीन से उठकर कुर्सी बैठने लगे थे.
पूर्णिया में आर्ट गैलरी में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वीआईपी के प्रमुख ने कहा कि इतिहास गवाह है जब यादव जाति के लोगों ने एकजुट होकर लालू यादव को नेता माना और जब वे बिहार के मुख्यमंत्री बने, तो न केवल यादव जाति के लोगों को फायदा हुआ, बल्कि पिछड़ी जातियों को भी इसका लाभ मिला.
उन्होंने कहा कि जिनको जमीन से उठकर कुर्सी पर बैठने का मौका नहीं मिलता था, उन्हें बैठने के लिए कुर्सी नसीब हुई. उन्होंने आगे कहा कि जो हमलोगों पर राज करता था, जब उन्हें तकलीफ हुई, तब उसने उस दौर को जंगलराज का नाम दे दिया, जबकि गरीबों के लिए वह मंगलराज था.
वीआईपी के प्रमुख मुकेश सहनी ने कहा कि सही अर्थों में आज जंगलराज है, आज आपका कोई सुनने वाला नहीं है. थाना, प्रखंड कार्यालय में निषादों, गरीबों, पिछड़ों की सुनी नहीं जाती, गाली दे दी जाती है. अगर जमीन का म्यूटेशन भी कराना है, तो दो महीने घूमना होगा और रिश्वत देनी होगी. ऐसी स्थिति में अब खुद तय कर लें, आज जंगलराज है या नहीं?
उन्होंने लोगों से आह्वान करते हुए कहा कि इस समय को बदलिए, हमें वही लालू यादव जैसा राज चाहिए जिसमें गरीब, दलित, पिछड़ा सर उठाकर जी सके। हमें वैसा ही राज चाहिए.
