Bihar Politics: बिहार में कुर्मी वोटबैंक साधने में लगी कांग्रेस, 19 मई को पटना आ रहे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
Bihar Politics: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 19 मई को पटना दौरे पर रहेंगे. इस दौरान वे पटेल छात्रावास में छात्रों से मुलाकात करेंगे और कुर्मी समाज के साथ बड़ी बैठक कर कांग्रेस की रणनीति साझा करेंगे.
Bihar Politics: पटना. बिहार की सियासत में कांग्रेस अब हर कदम गिन-चुनकर रख रही है, खासकर जब बात विधानसभा चुनाव की हो. जातिगत जनगणना को लेकर मिली सफलता के बाद अब बिहार की सियासत में कांग्रेस ने कुर्मी वोटबैंक को साधने की बड़ी रणनीति पर काम शुरू कर दिया है. कांग्रेस ने अब कुर्मी वोटबैंक को साधने की ठान ली है, जो बिहार में करीब 4 फीसदी वोटों का मालिक है. इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल 19 मई को पटना पहुंचेंगे. उनका यह दौरा पूरी तरह से कुर्मी समाज को साधने और संगठन को जमीनी स्तर पर मज़बूती देने के मकसद से जुड़ा बताया जा रहा है.
पटेल छात्रावास में छात्रों से करेंगे मुलाकात
भूपेश बघेल सबसे पहले पटेल छात्रावास में छात्रों से मुलाकात करेंगे और उनके साथ वार्ता करेंगे. माना जा रहा है कि वे युवाओं को कांग्रेस की विचारधारा और राहुल गांधी की नीतियों से जोड़ने की कोशिश करेंगे. इसके बाद बघेल पटना में कुर्मी समाज के प्रमुख प्रतिनिधियों के साथ एक बड़ी बैठक करेंगे, जहां वे राहुल गांधी के विचार, योजनाएं और कांग्रेस की रणनीति को समाज के बीच रखेंगे. पार्टी सूत्रों के अनुसार, यह बैठक आगामी चुनावों के लिए कुर्मी वोटबैंक को कांग्रेस के पाले में लाने की एक अहम कड़ी मानी जा रही है.
पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ करेंगे संगठनात्मक बैठक
बिहार प्रवास के अंत में भूपेश बघेल सदाकत आश्रम में कांग्रेस नेताओं के साथ संगठनात्मक बैठक करेंगे और आगामी रणनीतियों पर चर्चा करेंगे. इस दौरे को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं में खासा उत्साह है और इसे अहम माना जा रहा है, क्योंकि बिहार की राजनीति में कुर्मी समाज की भूमिका अहम रही है. बघेल खुद भी कुर्मी समुदाय से आते हैं, ऐसे में उनका दौरा काफी प्रतीकात्मक और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है. उनका मकसद साफ है. कुर्मी समाज के बीच अपनी पार्टी की पैठ मजबूत करना. बघेल पटना में कुर्मी समाज के लोगों से बड़ी बैठक करेंगे और राहुल गांधी के विचारों को उनके सामने रखेंगे. यह कदम बिहार की सियासत में नया रंग भर सकता है, क्योंकि कुर्मी वोटों पर नीतीश कुमार का दबदबा रहा है.
