NIT Patna में अब हिंदी में भी होगी इंजीनियरिंग की पढ़ाई, कोर्स सेलेक्शन को लेकर तैयारी शुरू

NIT Patna Latest News: अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीइ) ने सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों को सत्र 2021-22 से हिंदी सहित आठ क्षेत्रीय भारतीय भाषाओं में इंजीनियरिंग की डिग्री देने की अनुमति दी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 17, 2021 8:32 PM

अनुराग प्रधान: एनआइटी पटना हिंदी में भी इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू करने जा रहा है. इसके साथ ही यह देश का पहला संस्थान होगा, जहां इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स को हिंदी भाषा में पढ़ने का विकल्प मिलेगा. एनआइटी, पटना के निदेशक प्रो पीके जैन ने गुरुवार को इसकी घोषणा की.

इस संबंध में प्रभात खबर में 28 मई को प्रकाशित खबर ‘अब हिंदी में भी शुरू होगी इंजीनियरिंग की पढ़ाई’ पर मुहर लग गयी है. दरअसल, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीइ) ने सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों को सत्र 2021-22 से हिंदी सहित आठ क्षेत्रीय भारतीय भाषाओं में इंजीनियरिंग की डिग्री देने की अनुमति दी है.

प्रो पीके जैन ने कहा कि नयी शिक्षा नीति में शिक्षा (New Education Policy) का माध्यम मातृभाषा किये जाने का प्रावधान है. इसको ध्यान में रखते हुए एनआइटी, पटना में बीटेक फर्स्ट इयर की पढ़ाई हिंदी माध्यम से शुरू हो रही है. यह नये सत्र 2021-22 से ही शुरू हो जायेगा. यह ऑप्शनल रहेगा. धीरे-धीरे स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ने पर अन्य क्षेत्रीय भाषाओं की पढ़ाई निर्भर करेगी. प्रो जैन ने बताया कि नयी शिक्षा नीति का पालन करने के लिए एनआइटी, पटना पूरी तरह से तैयार है. नये-नये कोर्स व नये पाठ्यक्रम डिजाइन किये जा रहे हैं

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अलग-अलग सेक्शन में बंटेगी क्लास- प्रो जैन ने कहा कि फर्स्ट इयर में करीब एक हजार स्टूडेंट्स होते हैं. इनमें जो हिंदी में बीटेक की पढ़ाई करना चाहेंगे, उनके लिए अलग सेक्शन होगा. अलग-अलग सेक्शन में बांट कर पढ़ाई करायी जायेगी. हिंदी और अंग्रेजी दोनों में पढ़ाई होगी. एक सेमेस्टर में करीब छह पेपर होते हैं. शुरुआती दौर में छह में से तीन से चार विषयों की पढ़ाई हिंदी में होगी. शिक्षकों ने सहमति दे दी है.

नया नियम केवल फर्स्ट इयर से ही शुरू होगा. स्वेच्छा से स्टूडेंट्स अपना सेक्शन चुन सकते हैं. स्टूडेंट्स हिंदी और अंग्रेजी दोनों सेक्शन में पढ़ाई कर सकते हैं. वैसे शुरुआती दौर में शिक्षक एक साथ ही सभी स्टूडेंट्स को हिंदी में पढ़ायेंगे, क्योंकि हिंदी भाषी स्टूडेंट्स की संख्या यहां 70% से अधिक रहती है. इस कारण शिक्षकों और छात्रों को परेशानी नहीं होगी.

तैयार हो रहे नये-नये कोर्स– प्रो जैन ने कहा कि हिंदी में बीटेक (BTech) की पढ़ाई होने से क्षेत्रीय भाषा का विकास होगा. इंजीनियरिंग को भी बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा कि एनआइटी, पटना में भी हिंदी में कार्य किया जा रहा है. इसके लिए काफी पहले ही विचार किया गया था. कोराना के चलते कुछ काम प्रभावित हुआ है. लेकिन, अब डेवलपमेंट के साथ-साथ नये-नये कोर्स तैयार करने में तेजी लाया जा रहा है.

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