Bihar News: थानेदार की जिम्मेदारी आदेशों तक सिमित, हर्ष फायरिंग में कहीं दूल्हा तो कहीं लड़की के भाई की मौत
Bihar News: बिहार में हर्ष फायरिंग कानून के अनुसार, शादी या अन्य समारोहों में हर्ष फायरिंग करने पर 10 साल की सजा और 1 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. यह कानून 2017 में बनाया गया था, जिसका उद्देश्य हर्ष फायरिंग जैसी घटनाओं को रोकना है, जिसमें कई लोगों की जान गई थी.
मुख्य बातें
Bihar News: पटना. बिहार में हर्ष फायरिंग का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. हर लगन में हर्ष फायरिंग से मौत की खबरें आती हैं. सरकार हर्ष फायरिंग को रोकने के लिए थानेदार को जिम्मेदार बना चुकी है, लेकिन सरकार का यह आदेश महज आदेश बन कर रह गया है. आये दिन हर्ष फायरिंग हो रही है. पिछले दो दिनों में ही सासाराम और खगड़िया में हर्ष फायरिंग के दौरान मौत होने की सूचना है. खगड़िया में जहां गोली लगने से दूल्हे की मौत हो गयी, वहीं सासाराम में बारात आये एक स्कूल शिक्षक की गोली लगने से मौत हो गयी. दोनों मामले में पुलिस अब कार्रवाई की औपचारिकता पूरी कर रही है. स्थानीय थानेदार पर अब तक किसी प्रकार की कोई कार्रवाई होने की सूचना नहीं है.
कानून के मुख्य बिंदु
- हर्ष फायरिंग करने पर 10 साल की सजा और 1 लाख रुपये तक का जुर्माना
- हर्ष फायरिंग में अगर कोई व्यक्ति घायल होता है, तो 7 साल की सजा और 2 लाख रुपये तक का जुर्माना
- हर्ष फायरिंग में अगर कोई व्यक्ति की मौत हो जाती है, तो उम्रकैद या मृत्युदंड की सजा और 5 लाख रुपये तक का जुर्माना
- हर्ष फायरिंग करने वाले व्यक्ति के साथ-साथ आयोजनकर्ता और आयोजक भी जिम्मेदार होंगे.
थानेदार की जिम्मेदारी
हर्ष फायरिंग के लिए थानेदार की जिम्मेदारी होती है, खासकर अगर उनके क्षेत्र में ऐसी घटना होती है. बिहार पुलिस ने हर्ष फायरिंग को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए हैं और इसके लिए एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीडर) भी जारी किया है.
- आयोजकों से शपथ पत्र भरवाना: थानेदार को आयोजकों से शपथ पत्र भरवाना होता है कि वे हर्ष फायरिंग नहीं करेंगे.
- वीडियोग्राफी कराना: थानेदार को कार्यक्रम की वीडियोग्राफी कराने का निर्देश दिया जाता है.
- पुलिस बल तैनात करना: अगर हर्ष फायरिंग की आशंका हो, तो थानेदार को पुलिस बल तैनात करना होता है.
- कार्रवाई करना: अगर हर्ष फायरिंग होती है, तो थानेदार को तुरंत कार्रवाई करनी होती है. अगर थानेदार इन जिम्मेदारियों को पूरा नहीं करते हैं, तो उन्हें जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. बिहार पुलिस ने हर्ष फायरिंग के मामलों में थानेदारों की लापरवाही को देखते हुए उन्हें निलंबित भी किया है.
हर्ष फायरिंग मामले में युवक पर प्राथमिकी
खगड़िया के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के कुतुबपुर में शादी समारोह के दौरान हुई हर्ष फायरिंग मामले में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. कुतुबपुर गांव के वार्ड संख्या 5 निवासी मो. इमरान के आवेदन पर हत्या मामले में एक युवक के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज की गयी है. आरोपित युवक की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है. पिछले 29 नवंबर को मुफस्सिल थाना क्षेत्र के कुतुबपुर गांव में निकाह रस्म के बाद हर्ष फायरिंग में गोली लगने से दूल्हे की मौत हो गयी थी. कुतुबपुर गांव के वार्ड संख्या 5 निवासी मो. इमरान के 22 वर्षीय पुत्र मो. इरशाद की गोली लगने से मौत हो गयी. मो. अमजद के घर शादी समारोह का आयोजन किया जा रहा था.
छुआरा वितरण रस्म के दौरान हुई फायरिंग
घटना उस वक्त हुई जब वर-वधू के निकाह बाद बारातियों के बीच छुआरा वितरण रस्म चल रहा था. इसी दौरान आगे में बैठे बरात पक्ष के एक युवक ने हर्ष फायरिंग शुरू कर दी. पहली फायरिंग पंडाल छेद करते हुए निकल गयी. दूसरी फायरिंग करने के दौरान पिस्टल में कारतूस फंस गया. उसके बाद जैसे ही पिस्टल का ट्रिगर दबाया तो फायरिंग हो गया. गोली दूल्हे के गले में जाकर लग गयी. गोली लगते ही अफरा-तफरी का माहौल हो गया. आनन-फानन में परिजनों ने इलाज के लिए दूल्हे को निजी अस्पताल में भर्ती कराया. जहां से चिकित्सक ने बेगूसराय बेहतर इलाज के लिए रेफर कर दिया. बेगूसराय के चिकित्सक ने भी पटना रेफर कर दिया. इसी दौरान जख्मी दूल्हे की रास्ते में मौत हो गयी.
बहन की शादी में आये थे एचएम, हर्ष फायरिंग में गयी जान
रोहतास़ जिले के शिवसागर थाना क्षेत्र के थनुआ गांव में शादी समारोह के दौरान हर्ष फायरिंग में बक्सर के एक शिक्षक की जान चली गयी. मृतक नंदन कुमार सिंह इटाढ़ी थाना क्षेत्र के चिलहर निवासी स्व विजय बहादुर सिंह के पुत्र थे. वह अपने छोटे भाई चंदन कुमार गौतम के साथ ममेरी बहन के शादी समारोह में शिरकत करने के लिए अपने ननिहाल थनुआ गये थे. 1 दिसंबर की रात जयमाल के दौरान हो रही गोलीबारी में उन्हें गोली लगने से उनकी मौत हो गयी.
चारों ओर पसरा सन्नाटा
मौत की सूचना जंगल में आग की तरह फैली और उनके गांव चिलहर में मातम पसर गया. घर से महिलाओं की चित्कार सर्द रात के सन्नाटा को चिरते हुए गांव में फैल गया. नंदन सिंह जिले के इटाढ़ी प्रखंड के इंदौर सीआरसी के बिशनपुरा मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक के पद पर तैनात थे. उनके पिता स्व विजय बहादुर सिंह भी कैथना हाइस्कूल में शिक्षक थे. उनकी पत्नी श्वेता कुमारी चिलहर स्कूल में एवं छोटा भाई चंदन कुमार गौतम इंदौर विद्यालय में शिक्षक हैं. इस तरह नंदन सिंह का पूरा फेमिली शिक्षक परिवार के रूप में जाना जाता है.
पत्नी व दो संतानों का रोते-रोते बुरा हाल
नंदन सिंह अपने पीछे पत्नी श्वेता कुमारी एवं एक बेटी व एक बेटा समेत भरापूरा परिवार छोड़ गये हैं. मृतक नंदन के चचेरा भाई सोनू कुमार सिंह ने बताया कि 22 वर्ष की उनकी बेटी शालू कुमारी इलाहाबाद रहकर पढ़ती है और सिविल सर्विसेज की तैयारी करती है, जबकि 20 साल का पुत्र सौरभ कुमार सिंह बिहार के औरंगाबाद स्थित पॉलिटेक्निक कॉलेज का छात्र है. मृतक नंदन सिंह का सोमवार की देर शाम बक्सर के चरित्रवन स्थित श्मशानघाट पर दाह-संस्कार किया गया. परिजनों की भीड़ के बीच उनके एकलौता बेटा सौरभ ने पिता को मुखाग्नि दे फफक पड़ा. पुत्र की आंखों से निकल रहे आंसूओं की बाढ़ थम नहीं रही थी.
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