Bihar News: पटना में इस वर्ष मनरेगा के तहत लगाये जायेंगे करीब छह लाख पेड़

पटना में हरियाली बढ़ाने के लिए सरकार के स्तर से काम किये जा रहे हैं. इसी कड़ी में जिले में मनरेगा के तहत करीब छह लाख पेड़ इस वर्ष लगाये जायेंगे.विभाग से मिली सूचना के मुताबिक ये पेड़ अगले दो महीने में लगाये जाने हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 29, 2022 5:05 PM

पटना में हरियाली बढ़ाने के लिए सरकार के स्तर से काम किये जा रहे हैं. इसी कड़ी में जिले में मनरेगा के तहत करीब छह लाख पेड़ इस वर्ष लगाये जायेंगे. ग्रामीण विकास विभाग ने पटना को मनरेगा के जरिये 6,18,000 पेड़ लगाने का लक्ष्य दिया है. ये पेड़ ग्रामीण इलाकों में लगाये जायेंगे. इसमें ज्यादातर पेड़ फलदार होंगे.

इस अभियान में आम लोगों को बनाया जायेगा भागीदार

विभाग से मिली सूचना के मुताबिक ये पेड़ अगले दो महीने में लगाये जाने हैं. जिन इलाकों में बाढ़ जैसी आपदा की आशंका नहीं है वहां इन्हें लगाया जायेगा. इस व्यापक वृक्षारोपन अभियान के द्वारा जहां एक ओर पर्यावरण संरक्षण और हरियाली बढ़ाने का प्रयास होगा वहीं दूसरी ओर विलुप्ति के कगार पर पहुंचे पेड़ों को भी बड़ी संख्या में लगा कर उन्हें बचाने की कोशिश होगी. इस वृक्षारोपन अभियान में आम लोगों को भी भागीदार बनाया जायेगा.

आम लोग वृक्षों की रक्षा का लें संकल्प

कोशिश होगी कि आम लोग इससे जुड़ कर वृक्षों की रक्षा का संकल्प लें और हरियाली बढ़ाने में अपना योगदान दे सकें. पटना में हाल के वर्षों में लाखों की संख्या में पेड़ लगाये जा चुके हैं. वित्तीय वर्ष 2021-22 में नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत मनरेगा के अंतर्गत 393000, वन विभाग द्वारा 592498 तथा जीविका द्वारा 418000 वृक्षारोपण किया गया था. इन पेड़ों को लगाने के बाद उम्मीद की जा रही है कि अगले कुछ वर्षों में पटना की हरियाली बढ़ेगी. पर्यावरण को बेहतर बनाने और प्राकृतिक स्रोतों के सही इस्तेमाल के लिए वृक्षारोपन करना आवश्यक है.

पटना जिले को 6,18,000 पेड़ लगाने का दिया गया लक्ष्य

इसके बारे में जानकारी देते हुए पटना के डीडीसी तनय सुल्तानिया कहते हैं कि ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा मनरेगा के तहत पटना जिले को 6,18,000 पेड़ लगाने का लक्ष्य दिया गया है. हमारी कोशिश है कि इस लक्ष्य के मुताबिक वृक्षारोपन किया जाये. इससे पटना में पर्यावरण संरक्षण में बड़ी मदद मिलेगी.लोगों को रोजगार मुहैया कराने और हरित आवरण को बढ़ाने के उद्देश्य से भी यह कदम उठाया गया है.

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