Bihar News: PMCH में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी, स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग

Bihar News: राज्य के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच पटना में जूनियर डॉक्टर लगातार दूसरे दिन हड़ताल पर हैं. ओपीडी सेवा ठप है और मरीज बेहाल. डॉक्टरों का कहना है कि जब तक स्टाइपेंड नहीं बढ़ेगा, आंदोलन जारी रहेगा.

By Pratyush Prashant | August 27, 2025 12:32 PM

Bihar News: बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर बड़ा संकट मंडराने लगा है. पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) के जूनियर डॉक्टर स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं. मंगलवार को लगातार दूसरे दिन भी ओपीडी सेवा बाधित रही, जिससे हजारों मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ी.

डॉक्टरों का कहना है कि वे 12 से 18 घंटे काम करते हैं, लेकिन बदले में उन्हें मात्र 20 हजार रुपये मासिक स्टाइपेंड दिया जाता है. उनकी मांग है कि इसे बढ़ाकर कम से कम 40 हजार रुपये किया जाए.

बिहार के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीएमसीएच में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रही. अस्पताल की ओपीडी सेवा पूरी तरह ठप हो गई है, जिससे इलाज कराने आए मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. डॉक्टरों ने साफ चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो पूरे राज्य के मेडिकल कॉलेजों में ओपीडी बंद कर दी जाएगी.

स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग

जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि वे दिन-रात 12 से 18 घंटे तक ड्यूटी करते हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्हें मात्र 20 हजार रुपये प्रतिमाह स्टाइपेंड मिलता है. डॉक्टरों का कहना है कि यह राशि बेहद कम है और इसे बढ़ाकर कम से कम 40 हजार रुपये किया जाना चाहिए.

डॉक्टरों का तर्क है कि बिहार में मेडिकल इंटर्न्स के साथ नाइंसाफी हो रही है. उनका कहना है कि दूसरे राज्यों में स्टाइपेंड कहीं ज्यादा मिलता है. यहां तक कि एम्स पटना में भी इंटरन डॉक्टरों को अधिक राशि दी जाती है.

मरीजों की बढ़ी मुश्किलें

हड़ताल का सीधा असर मरीजों पर पड़ा है. मंगलवार को भी ओपीडी सेवा बंद रही. कई घंटे इंतजार करने के बाद भी मरीजों को डॉक्टर नहीं मिले. रजिस्ट्रेशन काउंटर पर भी अफरातफरी का माहौल देखने को मिला. ग्रामीण इलाकों से आए मरीज सबसे ज्यादा परेशान दिखे.

फिलहाल जूनियर डॉक्टरों ने काला बिल्ला लगाकर शांतिपूर्ण तरीके से विरोध दर्ज कराया है. लेकिन उनका कहना है कि जब तक स्टाइपेंड बढ़ाने की घोषणा नहीं होती, आंदोलन जारी रहेगा. अगर यह हड़ताल लंबी खिंचती है तो बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर बड़ा असर पड़ सकता है.

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