Bihar News: शेर और बाघ के लिए लगा है हीटर, यहां कंबल ओढ कर सोते हैं सांप

Bihar News: पटना जैविक उद्यान में जानवरों की खुराक बढ़ाने के साथ मल्टीविटामिन और कैल्शियम दिये जा रहे है. खुले मैदान में रहने वाले जानवर जैसे हिरण और जिराफ के लिए खुले में पुआल बिछाया गया है, ताकि वह ठंड में इस पर बैठे सकें. अभी अक्तूबर में जेब्रा के शावक का जन्म हुआ है ऐसे में इसका खास ख्याल रखा जा रहा है. इसे शाम में बोरे का खोल पहनाया जाता है. गर्म पानी पीने में दिया जा रहा है.

By Ashish Jha | December 2, 2025 8:12 AM

Bihar News: पटना. ठंड बढ़ने के कारण पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान (जू) में जानवरों का खास ख्याल रखा जा रहा है. तैयारियां पिछले महीने पूरी कर ली गयी थीं, जिसमें पुआल, नाइटहाउस कवर, ग्रीन कवर शामिल हैं. अब शाम में ठंड बढ़ जाती है, ऐसे में जानवरों के लिए स्पेशल हीटर लगाया गया है. बाघ और शेर के बाड़े में हीटर, सांपों के लिए यूवी लैंप, बल्ब और कंबल रखे गये हैं. जू प्रशासन ने बताया इस वक्त जानवरों की इम्यूनिटी का खास ख्याल रखना होता है. ऐसे में मौसम बदलने के साथ ही खाने-पीने की खुराक में भी बदलाव आता है. जितने भी मांसाहारी जानवर हैं उनकी खुराक में, जहां एक से दो किलो मांस की बढ़ोतरी की जाती है, साथ ही अंडा भी दिया जाता है, जिससे शरीर गर्म रहे. वहीं शाकाहारी जानवरों के लिए गुड़ की मात्रा बढ़ायी जाती है. ईख की कुट्टी दी जाती है.

पक्षियों को चना व मूंगफली दिया जा रहा

पक्षियों के पिंजरे का एक चौथाई हिस्सा ग्रीन कवर किया गया है. इन्हें खाने में फल के अलावा चना और मूंगफली दी जा रही है. जो मांसाहर करने वाली पक्षी हैं उन्हें अंडा दिया जा रहा है. पोषण के लिए इन्हें मल्टीविटामिन और कैल्शियम की मात्रा खाने में दी जा रही हैं. वहीं जिन जानवरों के हाव-भाव या खान-पान को लेकर सुस्ती देखी जा रही है, चिकित्सकों की ओर से उनकी लगातार मॉनीटरिंग की जा रही है.

ठंड से बचने के लिए कंबल के अंदर सांपों ने बसाया डेरा

सांपघर में मौजूद सांपों के लिए कंबल और तापमान बनाये रखने के लिए ज्यादा वाट वाले बल्ब लगाये गये हैं. ठंड में सांप हाइबरनेशन में चले जाते हैं, लेकिन जू में यह अपना अधिकतर समय कंबल के अंदर बीता रहे हैं. वहीं अजगर बल्ब की रौशनी से गर्माहट ले रहे हैं. गर्माहट के लिए लाइट 24 घंटे जले रहते हैं. अगर इस बीच बल्ब फ्यूज हो जाते हैं तो उन्हें उसी वक्त बदला जाता है.

ठंड में लकड़ी के बिस्तर में कंबल ओढ़ सो रहा चिम्पांजी

चिम्पांजी के पिंजरे के बाहर नाइट कवर (पर्दे) लगाये गये हैं, जिससे बाहर की ठंड अंदर न जा सके. इसके साथ ही स्पेशल हीटर भी लगाये गये है. इसकी खासियत यह है कि आम हीटर ऑक्सीजन की मात्रा को रूम के अंदर कम कर देता है, लेकिन यह हीटर ऑक्सीजन लेवल को मेंटेन रखता है. इससे निकलने वाली रौशनी से जानवर की आंखों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है. सोने के लिए लकड़ी का बिस्तर और कंबल दिया गया है. खाने में गुड़ की खीर, दो बार दो बड़े चम्मच च्यवनप्राश, हर दिन अंडा, अनार का जूस और फल दिये जा रहे हैं. हर दिन कंबल बदले जाते हैं.

हिरण, चीतल, बारहसिंगा के खाने में मल्टीविटामिन शामिल

सांघाई, चीतल, ब्लैक बक और हिरण के पिंजरे के अंदर पुआल का बिस्तर तैयार किया गया है. झुंड में रहने की वजह से रात में ये सभी एक साथ शेड में रहते हैं. हर तीन दिन में पुआलों को बदला जाता है. वहीं पूर्वी और पश्चिम से बहने वाली हवा से बचाने के लिए इन दोनों दिशाओं में फूस और पुआल से दीवार बनायी है और ऊपर से शेड दिया गया है. ठंड में इन जानवरों को पूरा पोषण मिले, इसके लिए इनके खाने में मल्टीविटामिन मिला कर दिया जा रहा है.

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