Bihar News: बिना डीएससी कोड बताये पटना में अब नहीं होगी गैस सिलिंडर की डिलीवरी, बढ़ी दिक्कतें

Bihar News: कई उपभोक्ताओं ने शिकायत की थी कि उनके नाम पर सिलिंडर डिलीवर दिखता है, लेकिन उन्हें मिला ही नहीं. कंपनियों का मानना है कि ओटीपी आधारित सिस्टम से इन गड़बड़ियों पर रोक लगेगी और पारदर्शिता बढ़ेगी.

By Ashish Jha | December 3, 2025 7:37 AM

Bihar News: पटना : घरेलू गैस सिलिंडर की डिलीवरी व्यवस्था में बड़े बदलाव के बाद अब उपभोक्ताओं को भी बिना डिलीवरी ऑथेंटिकेशन कोड (डीएससी) या ओटीपी बताये सिलिंडर नहीं मिलेगा. इंडेन, एचपी और बीपीसीएल की ओर से शहर की सभी एजेंसियों को स्पष्ट निर्देश जारी किये गये हैं कि डीएससी कोड सत्यापित होने पर ही डिलीवरी की जायेगी. यह कोड उपभोक्ता को बुकिंग के समय उसके मोबाइल नंबर पर भेजा जाता है. तेल कंपनियों के अनुसार पूरे सूबे में 230.4 करोड़ एलपीजी उपभोक्ता है. इनमें इंडेन के लगभग 108.8 लाख, बीपीसीएल लगभग 55.9 लाख, एचपी के लगभग 65.7 लाख एलपीजी उपभोक्ता हैं.

पटना में करीब 70 गैस एजेंसियां

पटना में इस समय 16,64,880 से अधिक घरेलू गैस उपभोक्ता हैं और लगभग 70 गैस एजेंसियां संचालित होती हैं. हर दिन 4 से 5 हजार हजार सिलिंडरों की डोर-स्टेप सप्लाइ होती है. नयी व्यवस्था का सीधा असर शहर के बड़े हिस्से पर दिखने लगा है. पहले डिलीवरी मैन कई बार उपभोक्ता के घर पर नहीं होने पर भी सिलिंडर दे देते थे, जिससे गलत डिलीवरी और धोखाधड़ी के मामले बढ़ रहे थे. कई उपभोक्ताओं ने शिकायत की थी कि उनके नाम पर सिलिंडर डिलीवर दिखता है, लेकिन उन्हें मिला ही नहीं. कंपनियों का मानना है कि ओटीपी आधारित सिस्टम से इन गड़बड़ियों पर रोक लगेगी और पारदर्शिता बढ़ेगी.

कंपनियां वैकल्पिक समाधान भी दें

शहर कई उपभोक्ताओं को अब डिलीवरी में परेशानी आ रही है. जो लोग नौकरी के कारण दिनभर घर से बाहर रहते हैं, वे समय पर कोड न बता पाने के कारण सिलिंडर नहीं ले पा रहे. दूसरी समस्या यह है कि कई परिवारों में बुकिंग किसी एक मोबाइल नंबर से होती है, जबकि वह व्यक्ति घर पर मौजूद नहीं होता. ऐसी स्थिति में हॉकर सिलिंडर लेकर लौट जाते हैं. गैस एजेंसियों का कहना है कि कंपनियों ने साफ निर्देश दिया है किसी भी स्थिति में बिना डीएससी कोड सिलिंडर नहीं दिया जायेगा. यह व्यवस्था उपभोक्ता की सुरक्षा और गलत डिलीवरी रोकने के लिए लागू की गयी है. बिहार एलपीजी वितरक संघ के महासचिव डाॅ रामनरेश प्रसाद सिन्हा ने मांग की कि कंपनियां वैकल्पिक समाधान भी दें, जैसे परिवार के किसी अन्य सदस्य के मोबाइल नंबर को लिंक करने की सुविधा या आपात स्थिति में सत्यापन के अन्य विकल्प.

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