Bihar News: छपरा की हवा रही सबसे साफ, हाजीपुर की सबसे प्रदूषित, जानें पटना का हाल

Bihar News: बिहार के 12 शहरों में पांच की हवा एक्यूआइ के 100 से नीचे होने के कारण संतोषजनक श्रेणी में जबकि सात की 100 से 200 के बीच एक्यूआइ होने के कारण मध्यम (मॉडरेट) श्रेणी में दर्ज की गयी.

By Ashish Jha | November 23, 2025 8:46 AM

Bihar News: पटना. बिहार में छपरा की हवा सबसे साफ है, जहां का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) 70 दर्ज किया गया, जबकि हाजीपुर की सबसे प्रदूषित. वहां का एक्यूआइ 178 दर्ज किया गया. बिहारशरीफ 160 एक्यूआइ के साथ प्रदूषित शहरों में दूसरे स्थान पर, जबकि पटना 158 एक्यूआइ के साथ तीसरे स्थान पर रहा. बिहार के 12 शहरों में पांच की हवा एक्यूआइ के 100 से नीचे होने के कारण संतोषजनक श्रेणी में जबकि सात की 100 से 200 के बीच एक्यूआइ होने के कारण मध्यम (मॉडरेट) श्रेणी में दर्ज की गयी.

शहर – एक्यूआइ

छपरा- 70
बेतिया-92
भागलपुर-94
मोतिहारी -97
अररिया- 98
मुजफ्फरपुर -131
राजगीर-137
गया-138
आरा -147
पटना- 158
बिहार शरीफ -160
हाजीपुर-178

ध्वनि प्रदूषण पर प्रशासन की पकड़ ढीली

बिहार में ध्वनि प्रदूषण को रोकने के नियम कागज़ों पर ही सिमटते दिख रहे हैं. रात 9 बजे के बाद भी कई इलाकों में तेज आवाज़ में गीत-संगीत बजाए जा रहे हैं, जिससे स्थानीय लोगों को भारी परेशानी हो रही है. लगन के मौसम में यह और भयावह रूप ले लेता है. कई मैरेज हॉल और होटलों में साउंड बॉक्स की तेज गूंज लोगों को देर रात तक जगाये रखती हैं. मुख्य सड़क से दूर बसे घनी आबादी वाले मोहल्लों में लोगों की नींद हराम हो गई. लग्न सीजन के चलते अधिकतर मैरेज हॉल और होटलों में देर रात तक तेज आवाज़ में कार्यक्रम चल रहे हैं, लेकिन स्थानीय पुलिस की ओर से किसी तरह की कार्रवाई नहीं दिख रही है.

विवाद से बचने के लिए लोग नहीं करते शिकायत

इस मामले में लोगों का कहना है कि अधिकतर मैरेज हॉल और होटल गली और घनी आबादी वाले क्षेत्रों में चल रहे हैं. यहां जन्मदिन, शादी-विवाह और छोटे कार्यक्रमों में देर रात तक तेज ध्वनि में संगीत बजाया जाता है. लोगों का कहना है कि मैरेज हॉल संचालकों से अनावश्यक विवाद का डर रहता है, इसलिए वे शिकायत करने से बचते हैं. दूसरी ओर, पुलिस बिना औपचारिक शिकायत के शायद ही कभी ऐसी जगहों पर कार्रवाई करती है. निवासियों की मांग है कि प्रशासन स्व-प्रेरणा से कार्रवाई करे ताकि रात्रिकालीन ध्वनि प्रदूषण पर रोक लग सके और सामान्य जीवन प्रभावित न हो.

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