Bihar News: बिहार का औद्योगिक लैंड बैंक, 21 जिलों में केंद्रित, 10 जिलों में 63% हिस्सेदारी

Bihar News: बिहार में औद्योगिक निवेश की सबसे बड़ी ताकत अब कुछ चुनिंदा जिलों में सिमट गई है. गया से वैशाली तक के 10 जिले ही राज्य के 63% लैंड बैंक का हिस्सा अपने पास रखते हैं.

By Pratyush Prashant | September 1, 2025 7:23 AM

Bihar News: बिहार में नए उद्योग लगाने के लिए अधिग्रहित 14,600 एकड़ जमीन में से 9,174 एकड़ यानी 63% हिस्सा सिर्फ 10 जिलों में है. गया, वैशाली, बेगूसराय, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, मधेपुरा, नालंदा, सीतामढ़ी, पटना और सुपौल आने वाले समय में औद्योगिक निवेश और विकास के नए केंद्र माने जा रहे हैं. इनमें से अकेले गया जिले के पास 2,970 एकड़ का सबसे बड़ा औद्योगिक लैंड बैंक है.

सबसे आगे गया, दूसरे नंबर पर वैशाली

राज्य का सबसे बड़ा लैंड बैंक गया जिले में है, जहां 2,970 एकड़ जमीन अधिग्रहित की गई है. इसके बाद वैशाली में 1,243 एकड़ और बेगूसराय में 991 एकड़ औद्योगिक भूमि है. मधुबनी में 713, मुजफ्फरपुर में 700, मधेपुरा में 549, नालंदा में 525, सीतामढ़ी में 505, पटना में 500 और सुपौल में 498 एकड़ जमीन का औद्योगिक लैंड बैंक मौजूद है.

औद्योगिक निवेश के लिहाज से औरंगाबाद, सहरसा, कटिहार, नवादा, बांका, सीवान और अरवल जैसे जिलों में भी जमीन अधिग्रहित की गई है. यहां जमीन का आकार 100 से 500 एकड़ के बीच है. उदाहरण के तौर पर औरंगाबाद में 442 एकड़, सहरसा में 421, कटिहार में 252, नवादा में 221, बांका में 200, सीवान में 167 और अरवल में 127 एकड़ भूमि एक्वायर की गई है.

छोटे जिलों में सीमित संभावनाएं

रोहतास, सारण, मुंगेर, गोपालगंज और पश्चिम चंपारण जैसे जिलों में 100 एकड़ से कम जमीन औद्योगिक पार्कों के लिए अधिग्रहित की गई है. इनमें सबसे कम पश्चिम चंपारण (29 एकड़) का हिस्सा है.

बिहार सरकार ने इन जमीनों पर औद्योगिक पार्क विकसित करने की योजना बनाई है. इसकी जिम्मेदारी बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण (बियाडा) को दी गई है. पहले से अधिसूचित औद्योगिक क्षेत्रों में जमीन की कमी को देखते हुए यह अधिग्रहण किया गया है.

निवेशकों की मांग पूरी करने में मदद

अधिकारिक सूत्रों के अनुसार, बड़ी कंपनियों को जमीन उपलब्ध कराने के लिए यह कदम उठाया गया है. राज्य सरकार ने भूमि बैंक रिवॉल्विंग फंड के लिए 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि दी है.

पश्चिम चंपारण को छोड़कर बाकी जिलों से 18,959 एकड़ भूमि अधिग्रहण प्रस्ताव मिले थे, जिनमें से अब तक 14,600 एकड़ पर अधिग्रहण पूरा हो चुका है. शेष भूमि के लिए प्रक्रिया जारी है.

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