Bihar Bhumi: भूमि सर्वे के बीच दाखिल-खारिज को लेकर सरकार ने लिया बड़ा फैसला, 25 मार्च की दे दी डेडलाइन

Bihar Land Survey दाखिल-खारिज मामलें को लेकर सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए अंचलाधिकारी को निर्देश दिया है कि अंचलाधिकारी छोटी-छोटी गलतियों के कारण अस्वीकृत आवेदनों की फिर से सुनवाई करें. डीसीएलआर के यहां प्रथम अपील में आए ऐसे मामलों को पहली सुनवाई में ही अंचलाधिकारी को वापस कर दिया जाएगा.

By RajeshKumar Ojha | February 28, 2025 9:18 PM

Bihar Land Survey दाखिल-खारिज वाद के वैसे मामले जिनको अंचल अधिकारियों द्वारा बिना किसी ठोस कारण से अस्वीकृत कर दिया गया है, उनके निष्पादन के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने नया दिशा-निदेश जारी किया है. यह दिशा निदेश दाखिल-खारिज के अपील वादों के त्वरित निष्पादन के लिए भूमि सुधार उप समाहर्ताओं को दिया गया है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने इस संबंध में सभी समाहर्ता को शुक्रवार को पत्र लिखकर इस दिशा में काम करने का निर्देश दिया है.


इसके साथ ही सचिव ने अपने पत्र में स्पष्ट किया है कि अंचल अधिकारियों द्वारा दाखिल-खारिज के जिन मामलों में मेरिट के आधार पर निरस्त नहीं किया गया है, वैसे मामले की अपील में सुनवाई के दौरान भूमि सुधार उप समाहर्ता पहली ही तारीख को अंचल अधिकारी को पुनः सुनवाई का आदेश पारित करने का निर्देश भी दिया है. इसके साथ ही उनको कहा गया है कि अपील वाद को शीघ्र निष्पादित किया जाएगा.

विभाग का मानना है कि कई छोटे-मोटे कारणों की वजह से अंचल अधिकारियों द्वारा दाखिल-खारिज के मामलों को अस्वीकृत कर दिया जाता है. आवेदन पत्र के साथ सुसंगत दस्तावेज नहीं लगाने, संलग्न दस्तावेजों के अपठनीय होने, आवेदन भरने के समय गणितीय या लिपिकीय भूल हो जाने, ऑनलाइन जमाबंदी जहां से रकवा घटाया जाना है उसमें त्रुटि होने जैसे कारणों से बड़ी संख्या में आवेदन अस्वीकृत होेते हैं. ऐसे मामलों में 30 दिनों के भीतर डीसीएलआर के न्यायालय में अपील का प्रावधान है.

सचिव ने अपने पत्र में लिखा है कि विभाग की समीक्षा में यह बात भी सामने आई कि भूमि सुधार उप समाहर्ताओं द्वारा ऐेसे मामले में बिना मेरिट पर विचार किए लंबे समय तक लंबित रखा है. यह उचित नहीं है. इससे रैयतों को अनावश्यक परेशानी होती है, और विभाग की बदनामी होती है. ऐसे सभी मामलों की सुनवाई कर मार्च, 2025 तक निष्पादन करने का आदेश उक्त पत्र में दिया है.


पदभार ग्रहण करने के बाद राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री श्री संजय सरावगी ने अंचल अधिकारियों द्वारा दाखिल-खारिज वाद को अस्वीकृत करने और भूमि सुधार उप समाहर्ताओं द्वारा उन्हें स्वीकृत करने के मामले पर चिंता जताई है. उन्होंने अधिकारियों को कहा कि इस प्रकार के मामलों की विभाग जांच कराए और इस प्रवृति पर रोक लगाने के लिए कारगर कदम उठाए.

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