Bihar Government: चुनाव से पहले बिहार के 20 जिलों में सड़क और पुल बनाने को मिली मंजूरी, PM मोदी ने दी हरी झंडी

Bihar Government: बिहार के 20 जिलों में केंद्र सरकार ने 367.94 करोड़ की लागत से सड़क और पुल निर्माण योजनाओं को मंजूरी दी है. इसमें 103 पुल और 33.65 किमी सड़कों का निर्माण शामिल है. इस योजना से ग्रामीण कनेक्टिविटी, रोजगार और बुनियादी सुविधाओं में बड़ा सुधार होगा. पढ़ें पूरी खबर…

By Aniket Kumar | May 29, 2025 9:57 AM

Bihar Government: बिहार के ग्रामीण इलाकों के विकास को लेकर केंद्र सरकार ने एक बड़ी घोषणा की है. चंपारण, बांका, पटना समेत राज्य के 20 जिलों में सड़क और पुल निर्माण से जुड़ी कुल 367.94 करोड़ रुपये की योजनाओं को मंजूरी दी गई है. उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि इन योजनाओं की डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) को भी स्वीकृति मिल चुकी है, जिससे निर्माण कार्य जल्द ही शुरू हो जाएगा. 

डबल इंजन सरकार की विकास योजना

उपमुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह डबल इंजन सरकार की एक और बड़ी उपलब्धि है. गांवों को शहरों से जोड़ने की दिशा में यह योजनाएं मील का पत्थर साबित होंगी. उन्होंने बताया कि कुल 367.94 करोड़ की योजनाओं में से 153.94 करोड़ का योगदान बिहार सरकार देगी.

पश्चिम चंपारण को मिलेगी बड़ी सुविधा

पश्चिम चंपारण जिले के रामनगर प्रखंड में नारा नदी पर 268.32 मीटर लंबे आरसीसी पुल के निर्माण को 23.6079 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है. यह पुल क्षेत्र के लोगों को खतरनाक जलमार्ग से मुक्ति दिलाएगा और यातायात को सुगम बनाएगा.

103 पुल और 33.65 किमी सड़क निर्माण की मंजूरी

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-III के तहत ग्रामीण विकास मंत्रालय ने बिहार के अररिया, अरवल, औरंगाबाद, बांका, बेगूसराय, भोजपुर, सारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, कटिहार, खगड़िया, किशनगंज, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, पटना, समस्तीपुर, शिवहर, सीतामढ़ी, वैशाली और पश्चिम चंपारण जिलों में कुल 5 ग्रामीण सड़कों (33.65 किलोमीटर) और 103 पुलों (3891.71 मीटर) के निर्माण की मंजूरी दी है.

रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं को मिलेगा बढ़ावा

इन योजनाओं के क्रियान्वयन से न केवल ग्रामीण क्षेत्रों की कनेक्टिविटी मजबूत होगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे. साथ ही, शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि से जुड़ी सुविधाओं तक ग्रामीणों की पहुंच पहले से कहीं अधिक आसान होगी. यह पहल बिहार के गांवों को समृद्ध और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है.

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