Bihar: बिहार सरकार और AAI ने हवाई संपर्क मजबूत करने पर किया करार, इन छह शहरों को मिलेगा हवाई यातायात का तोहफा
Bihar: बिहार सरकार और एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के बीच छह हवाईअड्डों के विकास को लेकर ऐतिहासिक समझौता हुआ है. उड़ान योजना के तहत यह कदम राज्य में क्षेत्रीय हवाई संपर्क को सशक्त बनाएगा और सुदूर इलाकों के आर्थिक और सामाजिक विकास में अहम भूमिका निभाएगा.
Bihar: बिहार में क्षेत्रीय हवाई संपर्क को मजबूत बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए बिहार सरकार और एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) के बीच छह हवाईअड्डों के विकास के लिए समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर हुआ है.
नई दिल्ली स्थित बिहार निवास में आयोजित इस कार्यक्रम में बिहार के मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा की उपस्थिति में नागरिक उड्डयन निदेशक डॉ. निलेश रामचंद्र देवरे और AAI के कार्यपालक निदेशक अनामी पाण्डेय ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए. इस अवसर पर बिहार सरकार के वरिष्ठ अधिकारी कुंदन कुमार और AAI के सदस्य (वित्त) समेत अन्य अधिकारी भी मौजूद थे.
25 करोड़ राशि स्वीकृत
समझौते के तहत बिहार सरकार के स्वामित्व वाले पांच हवाईअड्डे- बीरपुर, वाल्मीकिनगर, सहारसा, मधुबनी और मुंगेर तथा एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के स्वामित्व वाला मुजफ्फरपुर हवाईअड्डा चिन्हित किए गए हैं. ये सभी हवाईअड्डे केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) के अंतर्गत विकसित किए जाएंगे.
नागर विमानन मंत्रालय ने प्रत्येक हवाईअड्डे के लिए ₹25 करोड़ की राशि स्वीकृत की है. इससे राज्य के दूरदराज के इलाकों में भी हवाई संपर्क का विस्तार होगा और लोगों को बेहतर परिवहन सुविधा मिल सकेगी.
बिहार चुनाव की ताजा खबरों के लिए क्लिक करें
मुख्यधारा से जोड़ने की कोशिश
बिहार सरकार ने इन छह हवाईअड्डों के लिए पूर्व-अव्यवहार्यता अध्ययन (Pre-feasibility study) भी पूरा कर लिया था और राज्य मंत्रिपरिषद की स्वीकृति मिलने के बाद इस समझौते की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया गया. समझौते को लेकर मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा ने कहा कि यह कदम न केवल बिहार के बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करेगा, बल्कि राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा.
अमृतलाल मीणा ने कहा कि हवाईअड्डों का विकास होने से निवेश, पर्यटन और व्यापार के नए अवसर पैदा होंगे. वहीं, नगर विमानन मंत्रालय की इस योजना के तहत हवाई सेवा को छोटे शहरों और कस्बों तक पहुंचाना राज्य सरकार की प्राथमिकता रही है, जिससे बिहार के हर क्षेत्र को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जा सके.
