Bihar: पूर्व सांसद देवेंद्र यादव का राजद से इस्तीफा, बोले- सिद्धांत से समझौता नहीं कर सकता

Bihar: राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को एक और झटका लगा है. पिछले तीन दिनों में राजद से तीन बड़े नेता पार्टी छोड़ चुके हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री और समाजवादी नेता देवेंद्र प्रसाद यादव ने राजद छोड़ने का एलान किया है. उन्होंने राजद पर राज के लिए नीति छोड़ देने का आरोप लगाया है.

By Ashish Jha | April 17, 2024 1:02 PM

Bihar: पटना. अशफाक करीम और वृषण पटेल के दिए झटके यानी इस्तीफा से लालू प्रसाद अभी उबरी भी नहीं थे कि पार्टी के एक और बड़े नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र प्रसाद यादव ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. देवेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि राजद में जो राजनीति चल पड़ी है वो केवल ‘राज’ के लिये है, उसमें नीति नहीं है, जबकि राज और नीति दोनों का सामंजस्य होना लाजमी था. राजद में दोनों का सामंजस्य दूर-दूर तक नहीं दिख रहा है. ऐसे में एक क्षण भी इस पार्टी में रहना मेरे लिए संभव नहीं है. मैं पार्टी के सभी पदों सहित प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं.

मैं पार्टी के अंदर घुटन महसूस कर रहा हूं

अपने इस्तीफे में देवेंद्र प्रसाद ने लिखा है कि मैं ऐसा महससू करने लगा हूं कि इस तरह की राजनीति से नीति पूरी तरह नदारत हो चली है यानि सिद्धान्त के बिना राजनीति मतलब आत्मा के बिना मात्रा शरीर. यदि किसी भी समाजवादी विचारधारा वाला कार्यकर्ता को पार्टी महागठबंधन के तहत झंझारपुर का या अन्य आधे दर्जन जगहों में जो उम्मीदवारों का आयात किया गया है, वैसे जगहों में पार्टी के मान्य विचारधारा वाले पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ता या समर्पित नेता को पार्टी का टिकट दिया जाता तो मुझे कोई शिकवा-शिकायत नहीं हो सकती थी, परन्तु सांप्रदायिक शक्ति के पोषक दलों से पैराशटू से एक दिन में उतारकर उम्मीदवार बनाने की जो कार्य संस्कृति पनप गई है, उससे पूरी तरह घुटन महसूस कर रहा हूं और आश्चर्य चकित भी हूं. मेरी अंतरात्मा कह रही है कि अब राजद में एक क्षण भी बना रहना असहज सा हो गया है.

Also Read: Lok Sabha Elections: आज थमेगा पहले चरण का चुनाव प्रचार, बिहार में 19 को होगा 38 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला

अशफाक करीम के इस्तीफे पर कही ये बात

पार्टी के सांसद अशफाक करीम के इस्तीफा देने से जुड़े सवाल पर देवेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि अभी तो विकेट गिरना शुरू हुआ है. कितना विकेट गिरेगा, इसके बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने यह भी कहा है कि मैं अपनी आगे की रणनीति अपने साथियों से बात करने के बाद तय करूंगा।. मैं डेमोक्रेटिक इंसान हूं. मेरा अगला कदम हमारे साथियों की राय पर निर्भर करेगा. उन्होंने पुरानी बातों को याद दिलाते हुए कहा कि जब मैंने प्रधानमंत्री बनने के लिए मुलायम सिंह यादव का सपोर्ट किया, तो केवल मुझे मिनिस्ट्री से हटाया गया था. उसके बाद भी मैंने दो-दो बार समझौता किया. 2004 में डॉक्टर जगन्नाथ मिश्रा के खिलाफ चुनाव लड़ने की जब बात आई तो उस वक्त भी मैं सामने आया और जीत हासिल किया. इसके बाद भी एक मौका आया जब लालू प्रसाद ने जेल से टेलीफोन किया और तेजस्वी को मजबूत करने की बात कही. उसके बाद भी मैं तेजस्वी जी को आशीर्वाद मैंने दिया. मैंने हमेशा समझौता किया है, लेकिन सिद्धांत से समर्पण मैं नहीं कर सकता.

Next Article

Exit mobile version