Bihar Flood: बिहार में बारिश से तबाही,24 घंटे की मूसलाधार बरसात से हाहाकार, स्कूल बंद, फसलें डूबीं, जनजीवन बेहाल
Bihar Flood: बिहार में 24 घंटे की लगातार बारिश ने गांव से शहर तक जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है. स्कूलों में ताले लग गए, सड़कों पर पानी भरा और खेतों में फसलें डूब गईं—मानो प्रकृति ने एक साथ सब कुछ रोक दिया हो.
Bihar Flood: एक ओर आसमान से बरसती बूंदें, दूसरी ओर जमीन पर बिछा पानी—बिहार इन दिनों मानो जलप्रलय का दृश्य पेश कर रहा है. पिछले 24 घंटे की भारी बारिश ने गांव से लेकर शहर तक जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है. स्कूलों में ताले लटक गए, फसलें बर्बाद हो गईं और सड़कों पर नाव चलने जैसी स्थिति बन गई है.
स्कूलों में छुट्टी, बच्चों की सुरक्षा प्राथमिकता
लगातार बारिश ने सबसे पहले शिक्षा व्यवस्था को प्रभावित किया. सारण (छपरा) और गोपालगंज जिलों में जलजमाव की भयावह स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने शनिवार को सभी सरकारी और निजी स्कूलों को बंद करने का आदेश जारी कर दिया. आंगनबाड़ी केंद्रों में भी छुट्टी घोषित कर दी गई है. जिला अधिकारियों का कहना है कि बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है.
स्कूल बंद होने से अभिभावकों में चिंता है कि शैक्षणिक सत्र पर इसका असर पड़ेगा. वहीं कई जगहों पर स्कूलों के परिसर में ही पानी भर गया है, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई है.
धान से लेकर सब्ज़ी तक की फसलें बर्बाद
भारी बारिश ने बिहार के किसानों को भी गहरी चोट दी है. खेतों में खड़ी धान, मक्का, गन्ना और सब्ज़ियों की फसलें पानी में डूबकर बर्बाद हो गईं. सबसे ज़्यादा नुकसान सब्ज़ी किसानों को हुआ है, जिनकी फसलें पूरी तरह गल चुकी हैं. ग्रामीण इलाकों में किसान अब मुआवजे की मांग कर रहे हैं. कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि फसल बर्बादी का असर आने वाले दिनों में सब्ज़ियों के दामों में दिखेगा.
कई जिलों में कृषि विभाग की टीमें नुकसान का सर्वे करने में जुटी हैं. किसानों की मांग है कि जल्द से जल्द मुआवजे की घोषणा की जाए ताकि अगली बुआई की तैयारी प्रभावित न हो.
यातायात और बिजली व्यवस्था चरमराई
शहरी इलाकों में बारिश का पानी मुख्य सड़कों और गलियों में भर गया है. निचले इलाकों के घरों में पानी घुसने से लोग घरों में कैद होने को मजबूर हैं. कई जगहों पर लोग छतों या ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं. सड़कों पर जमा पानी के कारण यातायात व्यवस्था चरमरा गई है. रिक्शा, बाइक और छोटे वाहनों का चलना मुश्किल हो गया है. कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित होने से रात में हालात और बिगड़ गए.
बाढ़ जैसे हालात को देखते हुए प्रशासनिक मशीनरी अलर्ट पर है. निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए टीमें तैनात की गई हैं. पंपिंग सेट लगाकर जलनिकासी का काम तेजी से किया जा रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन को राहत शिविरों और अस्थायी स्वास्थ्य कैंप की व्यवस्था भी करनी चाहिए. कई जगहों पर लोग खाने-पीने की सामग्री और दवाइयों की कमी की शिकायत कर रहे हैं.
बारिश थमने के आसार नहीं, सतर्कता बरतने की सलाह
मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भी कई जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई है. उत्तर बिहार के जिलों के लिए रेड अलर्ट और बाकी इलाकों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है. बारिश की मौजूदा स्थिति फसलों के साथ-साथ जनस्वास्थ्य के लिए भी खतरा बन सकती है.
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