Bihar Flood: गंगा-कोसी उफान पर, भागलपुर से नवगछिया तक तबाही
Bihar Flood: गंगा और कोसी की लहरों ने एक बार फिर बिहार के लाखों लोगों को बेघर कर दिया है. सड़कों पर नावें दौड़ रही हैं, घरों में पानी घुस चुका है और किसान अपनी बर्बाद फसल पर हाथ मल रहे हैं.
Bihar Flood: बिहार में बाढ़ की त्रासदी लगातार गहराती जा रही है. भागलपुर जिले में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है, वहीं नवगछिया में कोसी नदी भी उफान पर है. निचले इलाकों के लोग एक बार फिर सुरक्षित जगहों की ओर पलायन करने को मजबूर हैं.
भागलपुर में गंगा का कहर
रविवार शाम पांच बजे भागलपुर में गंगा का जलस्तर 33.74 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान से छह सेंटीमीटर ऊपर है. पिछले 24 घंटे में गंगा 12 सेंटीमीटर बढ़ी है. टीएमबीयू हॉस्टल, बूढ़ानाथ, सखीचंद घाट, दीपनगर और किलाघाट समेत कई मोहल्लों में पानी भर गया है. वार्ड संख्या 1, 9, 17, 18, 21 और 22 के गंगा किनारे बसे घर जलमग्न हो चुके हैं.
नगर निगम क्षेत्र में लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त है. सखीचंद घाट से बूढ़ानाथ घाट जाने वाला मुख्य रास्ता पूरी तरह डूब चुका है. आदमपुर बैंक कॉलोनी और मानिक सरकार घाट किनारे बने घरों में पानी घुस गया है. दीपनगर घाट के पास करीब 50 घर चारों तरफ से पानी से घिर गए हैं.
नाथनगर दियारा में तबाही
नाथनगर अनुमंडल के शंकरपुर और रत्तीपुर बैरिया पंचायत के साथ श्रीरामपुर और गोसाईंदासपुर गांवों में हालात बिगड़ गए हैं. यहां की सड़कों पर पानी भर गया है और निचले इलाकों के घर जलमग्न हो चुके हैं. बीते हफ्ते पानी घटने पर कुछ लोग अपने घर लौटे थे, लेकिन अब लगातार तीसरी बार जलस्तर बढ़ने से वे फिर से पलायन करने को मजबूर हैं. लोग नावों के सहारे टिल्हा कोठी, किलाघाट और प्रशासनिक भवन के पीछे अपना सामान ले जाकर रख रहे हैं.
सुल्तानगंज में नमामि गंगे घाट डूबा
सुल्तानगंज में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है. नमामि गंगे घाट पूरी तरह डूब गया है और वहां जाने वाला मुख्य रास्ता भी जलमग्न है. सावन में जलस्तर बढ़ने के बाद अब भादो में भी पानी का दबाव बढ़ गया है. कांवरियों और स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन इसके बावजूद श्रद्धालु उसी रास्ते से होकर घाट तक पहुंच रहे हैं.
नवगछिया में कोसी का कहर
नवगछिया अनुमंडल में कोसी नदी लगातार खतरा बढ़ा रही है. रविवार दोपहर को कुरसेला में जलस्तर 30.73 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान से 73 सेंटीमीटर अधिक है. इससे तटवर्ती इलाकों में पानी तेजी से घुस रहा है. फ्लड फाइटिंग टीमों को लगातार तैनात किया गया है.
जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता आदित्य प्रकाश ने बताया कि गंगा फिलहाल राइजिंग मोड में है और हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है.
चांदन नदी ने बढ़ाई किसानों की चिंता
भागलपुर जिले के अकबरनगर इलाके में चांदन नदी का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है. ग्रामीण बताते हैं कि हालिया बाढ़ में उनकी सैकड़ों एकड़ फसल पहले ही बर्बाद हो चुकी है. अब नदी का पानी दोबारा खेतों में भरने लगा है, जिससे किसानों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. ग्रामीण चिंतित हैं कि लगातार पानी बढ़ने से इस साल की खेती पर पूरी तरह संकट आ जाएगा..
प्रशासन सतर्क, लेकिन चुनौतियां बड़ी
जल संसाधन विभाग ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में निगरानी तेज कर दी है. फ्लड फाइटिंग टीमें सक्रिय हैं और निचले इलाकों से लगातार लोगों को निकालने की कोशिश हो रही है. हालांकि, लगातार बारिश और नदियों के उफान के कारण चुनौतियां बनी हुई हैं.
