Bihar Famous Sweet: अब धनरुआ की जगह यहां पर लगती हैं बिहार की मशहूर लाय की दुकानें… जानिए क्यों बदला पता
Bihar Famous Sweet: पटना के धनरूआ की लाय केवल बिहार में ही प्रसिद्ध नहीं है बल्कि इसका स्वाद अब विदेशों तक भी पहुंच गया है. इसकी शुरुआत 1984 में हुई थी. लेकिन अब धनरूआ में लाय की दुकानें बंद हो गई हैं और ये दुकानें दूसरी जगहों पर लगने लगी हैं.
Bihar Famous Sweet: मिठाई का नाम सुनते ही हर किसी के मन में मिठास घुल जाती है और अगर बात हो शुद्ध खोवा और रामदाने से बनी खास मिठाई ‘लाय’ की, तो इसकी खुशबू ही मन को लुभा लेती है. लाय का जिक्र हो और पटना के पास बसे धनरूआ का नाम न आए, ये तो हो ही नहीं सकता. धनरूआ की लाय बिहार में बेहद मशहूर रही है. इसकी महक अब विदेशों तक भी पहुंच चुकी है. इसकी शुरुआत साल 1984 में हुई थी और कई वर्षों तक इस मिठाई ने लोगों को अपने स्वाद से दीवाना बनाये रखा है.
इस वजह से हटाई गई दुकानें…
लाय की शुरुआत पटना-जहानाबाद-गया मुख्य सड़क मार्ग पर हुई थी, जहां रोज हजारों गाड़ियां गुजरती थीं. यही रास्ता पटना से बोधगया जाने वालों का भी था, जिससे धनरूआ की लाय दूर-दूर तक पहुंचती थी. लेकिन फोर लेन सड़क बनने के बाद नया रास्ता चालू हो गया और पुराने मार्ग से आवाजाही कम हो गई, जिससे यहां की दुकानों की रौनक फीकी पड़ गई.
अब मसौढ़ी में सजती है दुकानें..
जब दुकानदारों को समझ नहीं आया कि क्या करें, तो उन्होंने अपनी दुकानें धनरूआ से हटाकर मसौढ़ी में फोरलेन के किनारे लगा लीं. अब मसौढ़ी से आने-जाने वाले लोग ही नहीं, वहां के स्थानीय लोग भी धनरूआ की मशहूर लाय का स्वाद ले पा रहे हैं.
पारंपरिक बिहारी मिठाई है लाय
लाय एक पारंपरिक बिहारी मिठाई है, जो खासतौर पर रामदाना और शुद्ध देसी खोवा से बनाई जाती है. इसे गोल आकार में तैयार किया जाता है और यह स्वाद में हल्की कुरकुरी, मीठी और पौष्टिक होती है. बिहार में खासकर सर्दियों के मौसम में लाय का चलन बढ़ जाता है. यह न सिर्फ स्वाद में खास होती है, बल्कि कई धार्मिक और पारंपरिक आयोजनों में इसका उपयोग भी शुभ माना जाता है.
(जयश्री आनंद की रिपोर्ट)
