बिहार का फर्जी IAS यूपी में गिरफ्तार, चार गर्लफ्रेंड, तीन प्रेग्नेंट… रौब और रोमांस के सहारे चल रहा था करोड़ों का फेक नेटवर्क
Bihar Fraud IAS: बिहार के रहने वाले एक फर्जी IAS अधिकारी की चौंकाने वाली ठगी का पर्दाफाश हुआ है. यूपी पुलिस ने गोरखपुर से उसे गिरफ्तार किया, जिसने रौब, फर्जी दस्तावेज और AI की मदद से चार राज्यों में बड़ा नेटवर्क खड़ा कर रखा था. लड़कियों को प्रेमजाल में फंसाने से लेकर करोड़ों की ठगी तक. उसकी करतूतों ने प्रशासन को भी हैरान कर दिया है.
Bihar Fake IAS: यूपी के गोरखपुर में पुलिस ने बिहार के रहने वाले एक ऐसे फर्जी IAS को गिरफ्तार किया है, जिसने रौब, जालसाजी और छल-प्रपंच के दम पर तीन राज्यों में नेटवर्क खड़ा कर लिया था. पकड़ा गया युवक गौरव कुमार सिंह उर्फ ललित किशोर सिर्फ प्रोटोकॉल दिखाने के लिए हर महीने करीब 5 लाख रुपए खर्च करता था. सफेद इनोवा पर लाल-नीली बत्ती, 10-15 लोगों की प्राइवेट टीम, लगातार गांवों का दौरा. सब कुछ बिल्कुल असली IAS अफसर की तरह था.
SDM को मारा थप्पड़, फिर भी नहीं हुई शिकायत
गौरव की हिम्मत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भागलपुर के एक गांव में दौरे के दौरान जब असली SDM ने उसके बैच और रैंक पर सवाल किया, तो उसने उल्टे SDM को दो थप्पड़ मार दिए. हैरान अधिकारी ने इसकी शिकायत तक नहीं की. इसी रौब और दिखावे के दम पर गौरव लोगों को आसानी से भरोसे में ले लेता था.
चार गर्लफ्रेंड, तीन प्रेग्नेंट, IAS की फर्जी चमक में फंसीं लड़कियां
गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने जब गौरव के मोबाइल चेक किए तो उसमें चार गर्लफ्रेंड की लंबी चैट मिली. हैरानी की बात यह कि इनमें से तीन उस समय प्रेग्नेंट थीं. सभी लड़कियां गौरव को IAS अफसर समझकर संबंध में थीं. बाद में पता चला कि गौरव पहले से बिहार की एक लड़की से मंदिर में शादी कर चुका था.
AI की मदद से तैयार किए फर्जी दस्तावेज
गौरव ने पूछताछ में बताया कि उसके साले अभिषेक कुमार ने खुद को IAS साबित करने का पूरा सिस्टम तैयार किया था. अभिषेक सॉफ्टवेयर सीख चुका था और फर्जी ID, नेम-प्लेट और अन्य दस्तावेज बनवाने में उसकी बड़ी भूमिका थी. पहले दोनों कुछ जालसाजों से पैसे देकर दस्तावेज तैयार करवाते थे, लेकिन AI का उपयोग शुरू होने के बाद यह काम बेहद आसान हो गया. अखबार की कतरनों से लेकर सरकारी टेंडर तक सब ऑनलाइन तैयार होने लगा.
उत्तर प्रदेश, बिहार, एमपी और झारखंड में फैला नेटवर्क
गौरव ने सिर्फ तीन साल में ठगी का नेटवर्क चार राज्यों तक फैला दिया. गोरखपुर के परमानंद गुप्ता, जो अभिषेक का दोस्त था, के जरिए वह यूपी में पहचान बढ़ा रहा था. वह बिल्डर और कारोबारियों को सरकारी ठेका दिलाने का झांसा देता था. टेंडर के फर्जी AI-जनरेट पेपर देकर करोड़ों की ठगी करता था. बिहार के एक कारोबारी से उसने 450 करोड़ के टेंडर दिलाने का दावा कर 5 करोड़ रुपए और दो इनोवा गाड़ियां रिश्वत में ले ली थीं.
GRP की चेकिंग में पकड़ा गया 99.90 लाख कैश
पूरा मामला तब खुला, जब बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान गोरखपुर GRP की चेकिंग में वैशाली एक्सप्रेस से 99.90 लाख रुपए कैश मिला. युवक ने खुद को मोकामा निवासी मुकुंद माधव बताया, लेकिन पैसे के स्रोत की जानकारी नहीं दे सका. धीरे-धीरे जांच में सामने आया कि यह रकम नौकरी दिलाने के नाम पर ली गई रिश्वत थी और इसे ललित किशोर उर्फ गौरव बिहार भेज रहा था.
इस खुलासे के बाद पुलिस ने गौरव पर शिकंजा कसना शुरू किया और आखिरकार उसे गिरफ्तार कर लिया. उसके नेटवर्क, फर्जी दस्तावेज़ों, ठगी, और सोशल मीडिया पर IAS प्रमोशन रैकेट की जांच जारी है.
