10 गनर, हूटर वाली गाड़ी, प्रोटोकॉल पर 5 लाख खर्च… बिहार का फर्जी IAS ऐसे करता था भौकाल टाइट

Bihar Fake IAS: फर्जी IAS का इतना भौकाल था कि जहां जाता, दो इनोवा गाड़ियों का काफिला, आगे-पीछे चलते 10 गनर, हूटर की आवाज और अफसर वाला प्रोटोकॉल देखकर हर कोई झुक जाता. गांवों में निरीक्षण करता, दफ्तरों में धड़ल्ले से घुसता और अधिकारी भी उसे असली अफसर समझकर सलामी देते. जबकि पूरा रुतबा सिर्फ दिखावे और जालसाजी पर टिका था.

By Abhinandan Pandey | December 11, 2025 6:53 PM

Bihar Fake IAS: यूपी के गोरखपुर में पुलिस ने बिहार के एक ऐसे फर्जी IAS अधिकारी को गिरफ्तार किया है, जिसने तीन साल में धोखाधड़ी का इतना बड़ा नेटवर्क खड़ा कर लिया कि बड़े-बड़े ठेकेदार भी उसके रुतबे के आगे झुक गए. बिहार के भागलपुर निवासी गौरव कुमार सिंह उर्फ ललित किशोर खुद को IAS बताकर न सिर्फ सरकारी सिस्टम को चकमा दे रहा था, बल्कि निजी जिंदगी में भी लोगों को बुरी तरह ठग रहा था.

IAS प्रोटोकॉल पर हर माह 5 लाख का खर्च, 10-15 लोगों की टीम साथ

गौरव सफेद इनोवा पर लाल-नीली बत्ती लगाकर गांव-देहात का दौरा करता था. दो गाड़ियां, 8-10 गनर, प्राइवेट Security, हूटर… सब कुछ असली अफसर जैसा. हर महीने लगभग 5 लाख रुपए सिर्फ प्रोटोकॉल मेनटेन करने में खर्च करता था.

भागलपुर के एक दौरे में जब वह असली SDM से टकरा गया तो सवाल पूछने पर उल्टा उसे ही दो थप्पड़ मार दिया. असली अधिकारी भी उसके भौकाल में इतने दब गए कि शिकायत तक नहीं की.

चार गर्लफ्रेंड, जिनमें तीन प्रेग्नेंट

गौरव के फोन से मिली चैटिंग ने उसकी असलियत को और भी चौंकाने वाला बना दिया. सोशल मीडिया पर IAS की फर्जी प्रोफाइल बनाकर उसने चार गर्लफ्रेंड बनाई, जिनमें पुलिस जांच में पता चला कि तीन इस समय प्रेग्नेंट हैं. इनमें से किसी को भी यह नहीं पता था कि गौरव शादीशुदा है और IAS नहीं, बल्कि बड़ा ठग है.

450 करोड़ का फर्जी टेंडर और 5 करोड़ की ठगी

गौरव यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश और झारखंड में अपने नेटवर्क का विस्तार कर चुका था. AI से जनरेट किए गए फर्जी टेंडर पेपर दिखाकर वह ठेकेदारों और कारोबारियों को सरकारी प्रोजेक्ट दिलाने की बात करता था. पटना के एक बड़े ठेकेदार माधव उससे बुरी तरह ठगे गए. 450 करोड़ का टेंडर दिलाने के नाम पर गौरव उनसे 5 करोड़ रुपए, दो इनोवा कारें और ज्वेलरी ले चुका था. यही गाड़ियां वह हूटर बजाते हुए सरकारी दफ्तरों में रौब दिखाने के लिए इस्तेमाल करता था.

10 गनर और हूटर वाली गाड़ी

किसी भी जिले के ऑफिस में वह अचानक निरीक्षण करने पहुंच जाता था, और कर्मचारी उसे बड़ा अफसर मानकर सम्मान देते थे. 10 गनर, इनोवा, हूटर और एक प्रोफेशनल टीम उसकी फर्जी पहचान को मजबूत बनाए रखती थी.

पुलिस की गिरफ्त में आते ही टूटा भ्रम

गोरखपुर पुलिस ने दोनों मोबाइल जब्त किए हैं. चैट, ट्रांजेक्शन और डॉक्यूमेंट ने पूरा खेल बेनकाब कर दिया. अब पुलिस बिहार, यूपी और अन्य राज्यों में फैले उसके नेटवर्क की गहन जांच कर रही है.

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